ऑनलाइन प्रक्रिया से पारदर्शिता की ओर कदम
सरकार ने तबादला प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन करने का फैसला किया है। अब शिक्षक अधिकतम 10 स्कूलों को वरीयता के आधार पर चुन सकेंगे। हालांकि, चयन केवल उन्हीं स्कूलों का किया जा सकेगा जहां शिक्षक की आवश्यकता होगी। इसके लिए यू-डायस (U-DISE) पोर्टल पर दर्ज छात्र संख्या के आधार पर स्कूलों की जरूरत तय की जाएगी, जिससे छात्र-शिक्षक अनुपात संतुलित रह सके।
ग्रामीण और शहरी संवर्ग में संतुलन बरकरार
सरकार की नीति के तहत ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षक केवल ग्रामीण क्षेत्र में ही और शहरी क्षेत्र के शिक्षक शहरी क्षेत्र में ही स्थानांतरित किए जाएंगे। इससे शैक्षिक व्यवस्था में स्थायित्व और संतुलन बना रहेगा।
तबादला समितियों का होगा गठन
हर जिले में एक तबादला समिति गठित की जाएगी, जिसकी अध्यक्षता जिलाधिकारी करेंगे। मुख्य विकास अधिकारी, डायट प्राचार्य और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी इसके सदस्य होंगे। यह समिति ही सभी तबादला प्रस्तावों पर अंतिम निर्णय लेगी।
फर्जी दस्तावेज पर होगी कार्रवाई
ऑनलाइन आवेदन के साथ शिक्षकों को जरूरी प्रमाण पत्रों की सत्यापित प्रतियां बीएसए कार्यालय में जमा करनी होंगी। फर्जी दस्तावेज मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। तबादले के बाद शिक्षक की जानकारी मानव संपदा पोर्टल पर अपडेट की जाएगी।
कम स्टाफ वाले स्कूलों से नहीं होगा तबादला
सरकार ने स्पष्ट किया है कि जिन स्कूलों में पहले से ही शिक्षकों की कमी है, वहां से किसी भी शिक्षक का तबादला नहीं किया जाएगा। वहीं, नए जिले में तैनाती पाने वाले शिक्षक को शपथ पत्र देना होगा कि वह उस जिले में वरिष्ठता सूची में सबसे नीचे रहेगा और पदोन्नति का दावा नहीं करेगा।
समय-सारणी और तकनीकी गाइडलाइन जल्द
बेसिक शिक्षा परिषद, प्रयागराज जल्द ही तबादला प्रक्रिया की तकनीकी रूपरेखा और समय-सारणी जारी करेगा। पूरी प्रक्रिया एनआईसी (राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र) द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर के माध्यम से पारदर्शी तरीके से संचालित की जाएगी।
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