DRDO (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) ने हाल ही में 30 किलोवाट क्षमता वाला एक शक्तिशाली लेजर हथियार विकसित किया है, जो 5 किलोमीटर की दूरी तक दुश्मन के ड्रोन, हेलीकॉप्टर और मिसाइलों को पलभर में नष्ट करने में सक्षम है।
क्या है यह लेजर हथियार?
यह लेजर हथियार एक प्रकार का "डायरेक्टेड एनर्जी वेपन" (DEW) है, जो केंद्रित लेजर बीम के ज़रिए टारगेट को नष्ट करता है। इसकी ताकत यह है कि यह बेहद सटीक, तीव्र गति से हमला करने वाला और कम लागत वाला सिस्टम है – जिससे हर फायर में कोई गोला-बारूद खर्च नहीं होता।
5 किलोमीटर तक सटीक वार
DRDO द्वारा विकसित यह लेजर सिस्टम 5 किलोमीटर की दूरी तक हवा में उड़ते खतरों को पहचान कर नष्ट कर सकता है। यह हथियार खासतौर पर कम ऊंचाई पर उड़ने वाले ड्रोन, रॉकेट, मोर्टार और हेलीकॉप्टर जैसे लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए तैयार किया गया है।
इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर में भी खतरनाक
भारत का ये लेजर वेपन केवल फिजिकल टारगेट्स पर हमला नहीं करता, बल्कि दुश्मन के संचार नेटवर्क, GPS, सैटेलाइट सिग्नल और कम्युनिकेशन सिस्टम को भी जाम करने की क्षमता रखता है। इसका मतलब है कि यह लेजर हथियार साइबर और इलेक्ट्रॉनिक जंग में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
दुनिया में बढ़ती लेजर हथियार की होड़
लेजर हथियारों की तकनीक में अमेरिका सबसे आगे है, जिसने HELIOS और LaWS जैसे सिस्टम तैयार किए हैं। चीन और इजराइल भी अपने अपने लेजर सिस्टम पर तेजी से काम कर रहे हैं। इजराइल का "Iron Beam" सिस्टम पहले ही परीक्षण चरण में है, जो रॉकेट और मोर्टार जैसे हमलों को हवा में ही खत्म कर देता है। इसके अलावे ब्रिटेन समेत अन्य कई देश भी उस तकनीक को विकसित करने पर काम कर रहे हैं।
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