ट्यूशन पर पूर्ण प्रतिबंध, शिक्षकों को चेतावनी
डॉ. सिद्धार्थ ने स्पष्ट किया कि सरकारी शिक्षकों के लिए ट्यूशन पूरी तरह प्रतिबंधित है। उन्होंने कहा, “अगर किसी शिक्षक द्वारा ट्यूशन पढ़ाने की शिकायत मिली या वह ट्यूशन पढ़ाते हुए पाया गया, तो निश्चित रूप से उस पर कार्रवाई की जाएगी।” इतना ही नहीं, स्कूल समय में सरकारी स्कूलों के बच्चों को भी ट्यूशन पर जाने की अनुमति नहीं होगी। वे केवल स्कूल समय के बाद प्राइवेट टीचर्स से ट्यूशन ले सकते हैं।
स्कूलों में बच्चों की भी बायोमीट्रिक हाजिरी
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि गर्मी की छुट्टियों के बाद सरकारी स्कूलों में बच्चों की भी बायोमीट्रिक उपस्थिति अनिवार्य कर दी जाएगी। अभी तक केवल शिक्षकों की बायोमीट्रिक हाजिरी हो रही थी, लेकिन अब बच्चों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है।
हर स्कूल में प्री-स्कूल की शुरुआत
सरकार की योजना है कि हर प्रारंभिक विद्यालय में प्री-स्कूल की व्यवस्था शुरू की जाए। इसके तहत आंगनबाड़ी केंद्रों से 40 बच्चों को पढ़ाई के लिए वहीं रखा जाएगा, जबकि बाकी बच्चों की पढ़ाई स्कूल परिसर में ही चलने वाले प्री-स्कूल में होगी।
किताबों की समय पर आपूर्ति होगी
राज्य के दो करोड़ से अधिक बच्चों को दी जाने वाली पाठ्यपुस्तकों की छपाई की प्रक्रिया को भी नई प्रणाली के तहत सुव्यवस्थित किया जा रहा है। विभाग ने अगले शैक्षणिक सत्र से पहले किताबें बच्चों तक पहुंचाने की योजना बना ली है। अब किताबों की छपाई का कार्य पहले से शुरू कर दिया जाएगा ताकि नए सत्र की शुरुआत से पहले ही किताबें मिल जाएं।
पीएमश्री योजना के तहत आदर्श स्कूल
बिहार के कई स्कूलों को केंद्र सरकार की पीएमश्री योजना में शामिल किया गया है, जिसके तहत इन विद्यालयों को आदर्श स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा। डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि राज्य सरकार का प्रयास रहेगा कि इस योजना में और स्कूलों को शामिल कराया जाए।
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