इस छोटे पत्ते में अथाह ताकत: 100+ बीमारियों का काल

हेल्थ रिपोर्ट। कभी गांवों की रसोई में इस्तेमाल होने वाला एक साधारण पत्ता अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुपरफूड के रूप में पहचान बना चुका है। बात हो रही है सहजन के पत्तों (Moringa Leaves) की, जिन्हें आयुर्वेद में अमृततुल्य माना गया है। ये छोटे-छोटे हरे पत्ते शरीर को न सिर्फ पोषण देते हैं, बल्कि 100 से ज्यादा बीमारियों से लड़ने की ताकत भी प्रदान करते हैं।

पोषण से भरपूर: एक पत्ते में कई विटामिन और मिनरल

सहजन के पत्ते में विटामिन A, C, B1, B2, B3, B6, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन और पोटैशियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है। एक अध्ययन के मुताबिक, सहजन के पत्तों में भरपूर कैल्शियम, गाजर से ज़्यादा विटामिन A और भरपूर विटामिन C होता है।

100 से ज़्यादा बीमारियों से लड़ने की क्षमता

आयुर्वेदिक ग्रंथों में सहजन के पत्तों को त्रिदोषनाशक बताया गया है, यानी यह वात, पित्त और कफ तीनों को संतुलित करता है। आधुनिक रिसर्च बताती हैं कि यह पत्ते डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, कैंसर, कोलेस्ट्रॉल, सूजन, एनीमिया, और पाचन संबंधी समस्याओं में बेहद कारगर हैं।

प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी सहायक

दरअसल सहजन के पत्ते में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं, जिससे आम सर्दी-जुकाम से लेकर वायरल संक्रमण तक में राहत मिलती है। इससे शरीर में बीमारी होने की संभावना भी कम जाती हैं।

कैसे करें उपयोग?

सूखे पत्तों का पाउडर: रोज सुबह गुनगुने पानी के साथ 1 चम्मच सेवन करें।

ताज़े पत्ते: इन्हें सब्जी, पराठा या सूप में मिलाकर खाया जा सकता है।

सहजन की चाय: सूखे पत्तों से बनी चाय डिटॉक्स के लिए फायदेमंद होती है।

0 comments:

Post a Comment