हालांकि अब तक आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक इसका गठन इसी वित्तीय वर्ष के भीतर हो सकता है। यदि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो 1 जनवरी 2026 से 8वां वेतन आयोग लागू किया जा सकता है।
क्या है फिटमेंट फैक्टर और क्यों है चर्चा में?
वेतन आयोग की सिफारिशों में 'फिटमेंट फैक्टर' अहम भूमिका निभाता है। यह एक ऐसा गुणांक होता है जिससे मौजूदा बेसिक वेतन को गुणा करके नया वेतन तय किया जाता है। 7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 था, जिससे कर्मचारियों के वेतन में औसतन 2.5 गुना की वृद्धि हुई थी। अब खबर है कि 8वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.86 तक हो सकता है।
186% बढ़ोतरी: कितना सच, कितना अनुमान?
यदि 2.86 का फिटमेंट फैक्टर लागू होता है, तो कर्मचारियों की मौजूदा बेसिक सैलरी में 186 प्रतिशत तक की वृद्धि देखी जा सकती है। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी ₹20,000 है, तो नई सैलरी लगभग ₹57,200 तक पहुंच सकती है। हालांकि यह आंकड़ा फिलहाल सिर्फ एक सैद्धांतिक अनुमान है। सरकार की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
अब तक कितनी बढ़ी सैलरी?
5वां वेतन आयोग: ₹2,750 से बढ़कर ₹7,000
6वां वेतन आयोग: ₹7,000 से बढ़कर ₹18,000
7वां वेतन आयोग: ₹18,000 से बढ़कर ₹46,260 (2.57 फैक्टर के आधार पर)
इस तरह देखा जाए तो पिछले तीन आयोगों के दौरान केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में कुल 554% तक की वृद्धि हो चुकी है। हालांकि, अगर फिटमेंट फैक्टर को 2.86 तक बढ़ाया जाता है, तो इससे सरकारी खजाने पर भारी बोझ पड़ सकता है। अनुमान है कि इससे हर वर्ष केंद्र सरकार पर लाखों करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ेगा। यही कारण है कि इस बार वेतन आयोग को लेकर सरकार अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है।
फिलहाल इंतजार जारी
जब तक 8वें वेतन आयोग की आधिकारिक अधिसूचना नहीं आती, तब तक सभी आंकड़े केवल अनुमान हैं। लेकिन एक बात तय है—कर्मचारियों और पेंशनर्स को वेतन में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है।
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