भारत के ये 100 फाइटर जेट्स होंगे और भी घातक

नई दिल्ली। भारत की रक्षा क्षमताएं अब एक नए युग में प्रवेश कर रही हैं। भारतीय वायुसेना के करीब 100 MiG-29 फाइटर जेट्स को नई ताकत देने की तैयारी पूरी हो चुकी है। यह बदलाव न सिर्फ तकनीकी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि रणनीतिक और आर्थिक दृष्टि से भी भारत को अधिक आत्मनिर्भर बनाएगा।

भारत-अमेरिका साझेदारी से खुले नए रास्ते

यह बड़ी पहल Reliance Defence और अमेरिका की Coastal Mechanics Inc. (CMI) के बीच हुए एक ऐतिहासिक समझौते का नतीजा है। दोनों कंपनियां मिलकर भारतीय रक्षा प्रणालियों के आधुनिकीकरण की दिशा में एक मजबूत कदम उठा रही हैं। इससे भारत में रक्षा उत्पादन और मेंटेनेंस को वैश्विक स्तर की विशेषज्ञता और तकनीक मिलेगी, जो आज की जरूरत है।

नागपुर बनेगा रक्षा परिवर्तन का केंद्र

यह पूरी परियोजना महाराष्ट्र के नागपुर शहर के MIHAN प्रोजेक्ट में लागू होगी। यहां एक अत्याधुनिक मेंटेनेंस, रिपेयर और अपग्रेडेशन सुविधा तैयार की जा रही है। इस केंद्र पर तकनीकी ज्ञान का आदान-प्रदान, उपकरणों की मरम्मत और जरूरी अपग्रेडेशन किया जाएगा — और वह भी भारत में ही।

डील की लागत और महत्व

इस साझेदारी की अनुमानित लागत ₹20,000 करोड़ (लगभग 2.34 अरब डॉलर) है। यह प्रोजेक्ट Performance-Based Logistics (PBL) मॉडल पर आधारित है, जो सिस्टम्स की विश्वसनीयता को दीर्घकालिक बनाए रखेगा। यह मॉडल सिर्फ लागत ही नहीं बचाता, बल्कि हर हालात में युद्ध क्षमता को बरकरार रखने में मदद करता है।

किन प्रणालियों को मिलेगा नया जीवन?

इस परियोजना का दायरा व्यापक है। इसके तहत निम्नलिखित प्रमुख रक्षा प्लेटफॉर्म्स को अपग्रेड किया जाएगा:

MiG-29 फाइटर जेट्स: भारतीय वायुसेना और नौसेना में ये जेट्स आज भी बड़ी संख्या में मौजूद हैं।

Jaguar फाइटर विमान: ग्राउंड स्ट्राइक में सक्षम ये विमान अब नई तकनीक से लैस होंगे।

Apache अटैक हेलिकॉप्टर: इन हेलिकॉप्टर्स का अपग्रेड उन्हें लंबे समय तक ऑपरेशन में बनाए रखेगा।

L-70 एयर डिफेंस गन: भारत की एयर डिफेंस क्षमताओं में इनका विशेष स्थान है।

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