सावन में जपिए शिव के ये 2 मंत्र, दुख-दरिद्र होगा दूर

धर्म डेस्क। सावन का महीना भगवान शिव की आराधना का सबसे पावन समय माना जाता है। इस पूरे मास में श्रद्धालु व्रत रखते हैं, शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं और मंत्रों का जाप करते हैं ताकि उन्हें भोलेनाथ की कृपा प्राप्त हो सके। धार्मिक मान्यता है कि सावन में भगवान शिव थोड़े प्रयास से ही प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों के सभी संकट दूर कर देते हैं। ऐसे में अगर आप भी जीवन में चल रही समस्याओं से परेशान हैं, तो सावन में शिव के इन दो मंत्रों का जाप आपके लिए चमत्कारी सिद्ध हो सकता है।

1 .पहला मंत्र:

“ॐ नमः शिवाय”

यह पंचाक्षरी मंत्र शिव का मूल और अत्यंत शक्तिशाली मंत्र माना जाता है। इस मंत्र का अर्थ है — "मैं शिव को नमन करता हूँ।" यह मंत्र मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध करता है। इसे नियमित जपने से मन की शांति, मानसिक बल, और आत्मविश्वास बढ़ता है।

कैसे करें जाप: रोज सुबह स्नान करके शांत वातावरण में बैठ जाएं। 108 बार "ॐ नमः शिवाय" का जाप करें। चाहें तो रुद्राक्ष माला का प्रयोग कर सकते हैं।

2 .दूसरा मंत्र:

“महामृत्युंजय मंत्र”

“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥”

इस मंत्र को मृत्यु को भी टाल देने वाला माना गया है। यह शिव का महामंत्र है, जो शरीर, मन और आत्मा को रोग, भय और अकाल मृत्यु से बचाता है। इसे संकट काल में विशेष रूप से जपना लाभकारी होता है।

कैसे करें जाप: सुबह या शाम, शांत वातावरण में बैठकर कम से कम 11 बार इस मंत्र का जाप करें। सप्ताह में एक दिन (विशेषतः सोमवार) पूरे 108 बार जप करें।

सावन में मंत्र जाप के विशेष लाभ

सावन के महीने में शिव मंत्रों का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। जलाभिषेक के साथ इन मंत्रों का जाप करने से शीघ्र फल की प्राप्ति होती है। साथ ही, इससे घर-परिवार में सुख-शांति और आर्थिक समृद्धि आती है।

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