1. अमेरिका: तकनीकी प्रभुत्व का सिरमौर
अमेरिका दशकों से मिसाइल टेक्नोलॉजी का पायनियर रहा है। उसके पास ICBM से लेकर हाइपरसोनिक मिसाइल, क्रूज मिसाइल और अत्याधुनिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम्स (जैसे THAAD, Aegis) तक मौजूद हैं। अमेरिका की ‘Minuteman-III’ और नवीनतम ‘Sentinel’ ICBM उसे वैश्विक मिसाइल सुपरपावर का दर्जा देती हैं।
2. रूस: मिसाइल ताकत का पुराना खिलाड़ी
रूस के पास ‘RS-28 Sarmat’ जैसी सुपर हैवी ICBM हैं जो 18,000 किलोमीटर तक मार कर सकती हैं। इसके अलावा रूस के पास ‘Avangard’ जैसे हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल और दुनिया की सबसे तेज मानी जाने वाली हाइपरसोनिक मिसाइलें हैं। रूस की मिसाइल क्षमता बेहद विविध और तकनीकी रूप से उन्नत है।
3. चीन: तेजी से उभरती ताकत
चीन ने पिछले एक दशक में मिसाइल टेक्नोलॉजी में जबरदस्त प्रगति की है। उसकी DF-41 ICBM 15,000 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है। साथ ही, चीन हाइपरसोनिक मिसाइल 'DF-ZF' के सफल परीक्षण भी कर चुका है, जिससे उसका स्थान मिसाइल सुपरपावर देशों में हो गया है।
4 .भारत: मिसाइल शक्ति में आत्मनिर्भर
भारत अब तक मिसाइल सुपरपावर की औपचारिक सूची में शामिल हो गया हैं। भारत की ‘अग्नि-V’ मिसाइल की मारक क्षमता 5,000-7,000 किमी तक है, जो भारत को ICBM तकनीक संपन्न राष्ट्र बनाती है। भारत के पास परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइलों का मजबूत जखीरा है। साथ ही हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेटर (HSTDV) पर काम कर रहा है, जो सफल परीक्षणों की दिशा में आगे बढ़ रहा है। भारत के पास सेटेलाइट को मार गिराने वाली मिसाइलें भी मौजूद हैं।
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