मर्दों की गुप्त सेहत पर वार! ये 5 चीज़ें वीर्य को तेजी से कर रही हैं कम

हेल्थ रिपोर्ट। बदलती जीवनशैली, अनियमित दिनचर्या और बढ़ता तनाव पुरुषों की गुप्त सेहत पर गंभीर प्रभाव डाल रहा है। हाल के वर्षों में डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने यह नोट किया है कि पुरुषों में वीर्य की मात्रा और गुणवत्ता में तेजी से गिरावट देखी जा रही है। यह न सिर्फ पुरुषों की प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है, बल्कि उनके संपूर्ण यौन स्वास्थ्य और आत्मविश्वास पर भी असर डालता है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि वीर्य की कमी केवल उम्र से जुड़ी समस्या नहीं है, बल्कि यह आज की कई आम आदतों और जीवनशैली से जुड़ी चीजों का नतीजा है। आइए जानते हैं वे पांच प्रमुख कारण जो पुरुषों में वीर्य की मात्रा को तेजी से घटा रहे हैं:

1. धूम्रपान और शराब का अधिक सेवन

तंबाकू और शराब में मौजूद हानिकारक रसायन शुक्राणुओं को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे न केवल वीर्य की मात्रा घटती है, बल्कि शुक्राणुओं की गतिशीलता और गुणवत्ता भी प्रभावित होती है। लंबे समय तक सेवन करने पर यह स्थिति नपुंसकता का रूप भी ले सकती है।

2. ज्यादा तनाव और नींद की कमी

लगातार मानसिक तनाव और पूरी नींद न लेना हार्मोन संतुलन को बिगाड़ देता है, विशेष रूप से टेस्टोस्टेरोन का स्तर गिरता है। यह हार्मोन पुरुषों की यौन क्षमता और वीर्य उत्पादन में अहम भूमिका निभाता है। नींद की गुणवत्ता में गिरावट से शरीर में थकान बनी रहती है, जिससे यौन इच्छा और प्रदर्शन दोनों प्रभावित होते हैं।

3. लगातार अस्वास्थ्यकर खानपान

जंक फूड, अधिक तला-भुना खाना, अत्यधिक चीनी और प्रोसेस्ड फूड वीर्य की गुणवत्ता को गिराने में भूमिका निभाते हैं। शरीर को जब आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिलते, तो शुक्राणु उत्पादन कमजोर हो जाता है। बता दें की जस्ता (Zinc), विटामिन C, विटामिन E, ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे पोषक तत्व वीर्य की सेहत के लिए जरूरी हैं।

4. व्यायाम की कमी और मोटापा

शारीरिक सक्रियता की कमी और बढ़ता वजन पुरुषों में हार्मोनल असंतुलन का कारण बनते हैं। मोटापे से टेस्टोस्टेरोन का स्तर घटता है, जिससे शुक्राणु उत्पादन में गिरावट आती है। इसके साथ ही मोटापा कई अन्य बीमारियों जैसे डायबिटीज़ और हाई ब्लड प्रेशर का कारण भी बनता है, जो पुरुषों की यौन सेहत को प्रभावित करते हैं।

5 .मोबाइल और लैपटॉप का अत्यधिक इस्तेमाल (खासतौर पर गोद में रखकर)

आजकल मोबाइल और लैपटॉप का अत्यधिक प्रयोग और उन्हें गोद में रखकर इस्तेमाल करने से शरीर में गर्मी बढ़ती है, जिससे अंडकोषों का तापमान बढ़ जाता है। यह वीर्य उत्पादन को बाधित करता है क्योंकि शुक्राणु कम तापमान में बेहतर बनते हैं। लगातार इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के संपर्क में रहने से शुक्राणु की संख्या और गतिशीलता दोनों पर असर पड़ सकता है

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