महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का आधार — AICPI इंडेक्स
महंगाई भत्ते की गणना ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (AICPI) पर आधारित होती है, जो उपभोक्ता वस्तुओं की महंगाई को दर्शाता है। जनवरी से मई 2025 तक के AICPI डेटा से पता चलता है कि महंगाई का स्तर लगातार बढ़ रहा है। मई में यह आंकड़ा 144 के करीब था और जून के आंकड़ों के आने के बाद यह और बढ़ सकता है।
यदि जून में AICPI इंडेक्स 144 के स्तर पर बना रहता है, तब भी महंगाई भत्ते में 3 फीसदी की वृद्धि पक्की मानी जा रही है। वर्तमान में डीए 55 फीसदी है, जो बढ़कर 58 फीसदी तक पहुंचने की संभावना है। इससे सरकारी कर्मचारियों को वेतन में अच्छी बढ़त मिलेगी।
महंगाई भत्ते की वर्तमान स्थिति और उसका असर
मौजूदा समय में यदि किसी केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी 30,000 रुपये है, तो 55% महंगाई भत्ते के अनुसार उसे 16,500 रुपये डीए के रूप में मिलते हैं। महंगाई भत्ते में 3% की वृद्धि के बाद यह राशि बढ़कर लगभग 17,400 रुपये हो जाएगी, यानी हर महीने करीब 900 रुपये की बढ़ोतरी। यह राशि कर्मचारियों के खर्चों को बेहतर ढंग से संभालने में सहायक होगी।
आगे का रास्ता — 8वें वेतन आयोग का इंतजार
सरकार महंगाई भत्ते की समीक्षा हर छह महीने में करती है। जुलाई से बढ़े हुए DA के बाद भी केंद्रीय कर्मचारियों की उम्मीदें अगले साल जनवरी 2026 से लागू होने वाले 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों पर टिकी होंगी। नया वेतनमान लागू होने के बाद वेतन और महंगाई भत्ते दोनों में और वृद्धि संभव है, जिससे कर्मचारियों को और अधिक आर्थिक लाभ मिलेगा।
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