फिटमेंट फैक्टर क्या है?
कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने में सबसे अहम भूमिका फिटमेंट फैक्टर निभाता है। यही वह गुणांक है जिससे मौजूदा बेसिक सैलरी को गुणा करके नई सैलरी तय की जाती है। हालांकि सरकार की ओर से अभी तक आधिकारिक रूप से कोई फिटमेंट फैक्टर घोषित नहीं किया गया है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 1.92, 2.28 और 2.86 में से किसी एक को लागू किया जा सकता है।
50,400 रुपये बेसिक सैलरी पर संभावित बढ़ोतरी
अगर किसी कर्मचारी की वर्तमान बेसिक सैलरी 50,400 रुपये है, तो 8वें वेतन आयोग में अलग-अलग फिटमेंट फैक्टर के अनुसार उसकी सैलरी कुछ इस प्रकार हो सकती है:
1.92 फिटमेंट फैक्टर:
नई सैलरी = 50,400 × 1.92 = ₹96,768
वृद्धि = ₹46,368
2.28 फिटमेंट फैक्टर:
नई सैलरी = 50,400 × 2.28 = ₹1,14,912
वृद्धि = ₹64,512
2.86 फिटमेंट फैक्टर:
नई सैलरी = 50,400 × 2.86 = ₹1,44,144
वृद्धि = ₹93,744
क्या कहती हैं उम्मीदें?
कई कर्मचारी संगठनों की मांग है कि न्यूनतम फिटमेंट फैक्टर 3 गुना किया जाए, ताकि महंगाई के इस दौर में कर्मचारियों की क्रय शक्ति बनी रहे। 7वें वेतन आयोग में जहां फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, वहीं अब यह उम्मीद की जा रही है कि यह 2.86 या उससे अधिक हो सकता है।
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