'तेजस' की दहाड़ होगी और मजबूत: जानकार चौंक जाएंगे

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना की ताकत अब और भी धारदार होने जा रही है। स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस को मजबूती देने के लिए अमेरिका से F404 इंजन की डिलीवरी प्रक्रिया तेज हो गई है। यह वही इंजन है जो तेजस के Mark 1 और नए Mark 1A वेरिएंट को उड़ान देता है। भारत सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत तेजस की श्रृंखला में यह सहयोग एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

F404: तेजस के भरोसे की ताकत

जनरल इलेक्ट्रिक का F404-GE-IN20 इंजन, तेजस को वह ताकत देता है जो किसी भी आधुनिक मल्टीरोल फाइटर जेट के लिए जरूरी होती है। यह इंजन न केवल तेजस को सुपरसोनिक गति (Mach 1.8 तक) प्रदान करता है, बल्कि इसकी थ्रस्ट क्षमता (84 kN) इसे हवाई युद्ध, ग्राउंड अटैक और टोही मिशनों के लिए भी सक्षम बनाती है।

डिलीवरी का शेड्यूल तय, उत्पादन को मिलेगी रफ्तार

रक्षा सचिव आर. के. सिंह के अनुसार, अप्रैल 2025 में पहला इंजन HAL को सौंपा जा चुका है और जुलाई के अंत तक एक और इंजन मिलने की पुष्टि की गई है। इसके बाद मार्च 2026 तक हर महीने दो इंजन की सप्लाई की जाएगी। इससे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को तेजस Mark 1A का उत्पादन समय पर पूरा करने में मदद मिलेगी।

तेजस Mark 1A: वायुसेना की अगली रीढ़

तेजस Mark 1A को भारतीय वायुसेना के लिए एक गेम चेंजर माना जा रहा है। यह वर्जन न केवल बेहतर एवियोनिक्स और AESA रडार से लैस है, बल्कि इसकी रखरखाव प्रणाली भी कहीं अधिक उन्नत है। वायुसेना पहले ही इसके 83 विमानों का ऑर्डर दे चुकी है और अगले चरण में 60 और विमानों के ऑर्डर पर विचार चल रहा है। इन विमानों की डिलीवरी से IAF की दो स्क्वाड्रनों – No. 45 और No. 18 – को नई शक्ति मिलेगी। ये दोनों यूनिट्स पहले से ही तेजस Mark 1 का संचालन कर रही हैं।

भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग का नया अध्याय

F404 इंजन की यह नियमित आपूर्ति भारत और अमेरिका के बीच रक्षा क्षेत्र में बढ़ती सामरिक साझेदारी की ओर भी इशारा करती है। यह सहयोग न केवल भारत की उत्पादन क्षमता को बढ़ावा देगा, बल्कि विदेशी निर्भरता को घटाने में भी मदद करेगा। ऐसे समय में जब भारत अपने पुराने मिग-21 बेड़े को हटाकर अत्याधुनिक विमानों की ओर बढ़ रहा है, यह साझेदारी और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।

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