1. ॐ हनुमते नमः
यह हनुमान जी का मूल बीज मंत्र है। इसका जप साधक को बल, बुद्धि, साहस और आत्मविश्वास प्रदान करता है। यह मंत्र विशेष रूप से मानसिक अशांति, भय या आत्मविश्वास की कमी के समय अत्यंत उपयोगी माना जाता है।
2. रामदूताय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि। तन्नो हनुमान् प्रचोदयात्॥
यह ‘हनुमान गायत्री मंत्र’ है। इस मंत्र के जप से साधक में निर्णय लेने की शक्ति बढ़ती है। विद्यार्थी, नौकरीपेशा और मानसिक तनाव से जूझ रहे लोगों के लिए यह अत्यंत प्रभावकारी है।
3. ॐ अंजनीसुताय विद्महे महाबलाय धीमहि। तन्नो हनुमान् प्रचोदयात्॥
यह एक और गायत्री मंत्र है जो हनुमान जी के अद्वितीय पराक्रम और बल का स्मरण कराता है। यह मंत्र साधक में शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की ऊर्जा का संचार करता है।
4. ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा॥
यह मंत्र विशेष रूप से शत्रु बाधा, नकारात्मक ऊर्जा और जीवन में आ रही अनचाही अड़चनों को दूर करने में सहायक माना जाता है। इसका जाप करने से व्यक्ति को आंतरिक शक्ति और आत्म-सुरक्षा की अनुभूति होती है।
कैसे करें मंत्र जाप?
सुबह स्नान के बाद शांत मन से इन मंत्रों का जाप करें। कम से कम 11 बार प्रतिदिन और श्रद्धा से करें। मंगलवार और शनिवार को विशेष रूप से इन मंत्रों का अधिक जाप करना शुभ माना गया है। हनुमान चालीसा के साथ इन मंत्रों का संयोजन अत्यधिक फलदायी होता है।
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