एम-पैक्स को मिली बड़ी राहत
इस अवसर पर मंत्री ने बहुउद्देश्यीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (एम-पैक्स) को भी बड़ी राहत देते हुए बताया कि अब उन्हें 15 लाख रुपये तक ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा। इससे पहले यह सीमा 10 लाख रुपये थी। यह निर्णय किसानों को सशक्त बनाने और सहकारी संस्थाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ठोस प्रयास माना जा रहा है।
उर्वरक वितरण के लिए खास योजना
राज्य सरकार ने किसानों को समय पर उर्वरकों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जिला सहकारी बैंकों के माध्यम से 6,700 एम-पैक्स को 10-10 लाख रुपये तक की ब्याज मुक्त ऋण सीमा स्वीकृत की है। इसका उद्देश्य खेती की लागत को कम करना और उत्पादन को बढ़ाना है।
ड्रोन दीदी योजना का क्रांतिकारी विस्तार
कार्यक्रम में ड्रोन पायलट प्रशिक्षण योजना के अंतर्गत ICCMRT द्वारा प्रशिक्षित 266 महिलाओं को “ड्रोन दीदी” प्रमाण पत्र वितरित किए गए। ये महिलाएं खेतों में ड्रोन के जरिए उर्वरक और कीटनाशकों का छिड़काव करेंगी, जिससे खेती में आधुनिक तकनीक का समावेश होगा और महिलाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों की शुरुआत
राज्य के 38 जिलों में 51 एम-पैक्स इकाइयों पर प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों की शुरुआत की गई। इन केंद्रों पर जेनरिक दवाएं और सर्जिकल उत्पाद बाजार मूल्य से कम दरों पर उपलब्ध होंगे, जिससे ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ होंगी।
‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान का आह्वान
वन एवं पर्यावरण मंत्री अरुण सक्सेना ने उपस्थित सहकारी प्रतिनिधियों से 9 जुलाई को ‘एक पेड़ मां के नाम’ योजना को उत्सव के रूप में मनाने का आह्वान किया। सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर ने इस अभियान के तहत 91 सहकारी वाटिकाएं बनाने का लक्ष्य अधिकारियों को सौंपा और पौधरोपण को पूरी निष्ठा से संपन्न कराने के निर्देश दिए।
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