भारत के 'NGARM टाइप-II' से पाकिस्तान में खौफ!

नई दिल्ली। भारत ने अपनी सैन्य क्षमताओं को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाते हुए अगली पीढ़ी की एंटी-रेडिएशन मिसाइल NGARM टाइप-II, जिसे रुद्रम-2 के नाम से भी जाना जाता है, सफलतापूर्वक तैयार कर ली है। यह मिसाइल न केवल भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का प्रतीक है, बल्कि दुश्मनों के लिए एक बड़ा खतरा भी बन चुकी है। पाकिस्तान के खिलाफ हाल ही में हुई कार्रवाई, जिसमें उसके एयर डिफेंस रडार सिस्टम को जाम कर भारी क्षति पहुंचाई गई, इसी मिसाइल की ताकत को दर्शाता है।

NGARM टाइप-II: क्या है इसकी खासियत?

NGARM (New Generation Anti-Radiation Missile) टाइप-II एक अत्याधुनिक हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है, जिसे विशेष रूप से दुश्मन के रडार, संचार प्रणालियों और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियों को निष्क्रिय करने के लिए डिजाइन किया गया है।

इसकी प्रमुख विशेषताएं:

1 .लंबी मारक क्षमता: यह मिसाइल 100 किमी से अधिक दूरी से दुश्मन के रेडियो फ्रीक्वेंसी स्रोतों को पहचान सकती है और उन पर हमला कर सकती है।

2 .10 मीटर CEP (Circular Error Probable): यह बेहद सटीक निशाना साधने वाली मिसाइल है, जो लक्ष्य से केवल 10 मीटर के भीतर प्रहार करती है।

3 .ऑल-एल्टीट्यूड लॉन्च: इसे किसी भी ऊंचाई से लॉन्च किया जा सकता है – यानी कम ऊंचाई से लेकर ऊंची उड़ान भरते लड़ाकू विमानों से भी।

4 .लॉन्च से पहले और बाद में टारगेट लॉक: मिसाइल लक्ष्य को पहले से लॉक कर सकती है या उड़ान के दौरान भी उसे पहचान कर निशाना बना सकती है।

5 .इंटरनल गाइडेंस सिस्टम: रुद्रम-2 में एक स्मार्ट नेविगेशन सिस्टम है, जो लॉन्च के बाद भी उसे लक्ष्य की ओर सटीक रूप से निर्देशित करता है।

आत्मनिर्भर भारत की ओर एक मजबूत कदम

रुद्रम-2 का विकास और डिलीवरी भारत के "आत्मनिर्भर भारत" अभियान की एक प्रमुख उपलब्धि है। यह भारत की स्वदेशी रक्षा तकनीक को वैश्विक मानकों तक पहुंचाने की दिशा में एक ठोस कदम है। यह न केवल आयात पर निर्भरता को कम करेगा, बल्कि भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता को भी बहुआयामी बनाएगा।

पाकिस्तान को झटका: सीमा पर बढ़ी बेचैनी

हाल ही में हुए कश्मीर आतंकी हमले के जवाब में भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान के एयर डिफेंस नेटवर्क को टारगेट कर उसे निष्क्रिय करना इस मिसाइल के उपयोग का जीवंत उदाहरण है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रुद्रम-2 द्वारा पाकिस्तान के कई रडार सिस्टम जाम कर दिए गए, जिससे उसकी निगरानी क्षमताएं क्षणिक रूप से खत्म हो गईं और रणनीतिक नुकसान हुआ।

0 comments:

Post a Comment