आरक्षण नीति की मुख्य बातें
राज्य के दिव्यांगजन सशक्तिकरण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री नरेन्द्र कश्यप ने यह घोषणा की कि नगर निगमों और नगर पंचायतों में बनने वाली दुकानों और स्टॉलों में दिव्यांगजनों के लिए आरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा। इस नीति के अंतर्गत राज्य शहरी विकास प्राधिकरण (SUDA) और नगर निगमों को निर्देशित किया गया है कि वे पुनर्वास योजना के तहत दुकानों का आवंटन प्राथमिकता के आधार पर दिव्यांगजनों को करें।
व्यापक प्रचार-प्रसार और पारदर्शिता पर जोर
मंत्री श्री कश्यप ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया कि इस योजना की जानकारी अधिक से अधिक पात्र लाभार्थियों तक पहुंचनी चाहिए। इसके लिए अधिकारियों को व्यापक प्रचार-प्रसार करने और पारदर्शी प्रक्रिया अपनाने को कहा गया है ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता या भेदभाव की संभावना न रहे।
दिव्यांगजनों के लिए अलग योजना की तैयारी
इस बैठक में मंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि नगर निगम और दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग मिलकर एक नई योजना का खाका तैयार करें, जिसके तहत शहरों में विशेष रूप से दिव्यांगजनों के लिए दुकानें और व्यावसायिक स्थल निर्मित किए जाएं। इन दुकानों का संचालन सीधे दिव्यांगजन करेंगे जिससे वे न केवल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें, बल्कि समाज में सम्मानजनक जीवन भी जी सकें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दृष्टि
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हमेशा दिव्यांगजनों के लिए समर्पित योजनाओं को प्राथमिकता दी है। उनका स्पष्ट मानना है कि दिव्यांगजनों को केवल सहानुभूति की नहीं, बल्कि सशक्तिकरण की आवश्यकता है। राज्य सरकार द्वारा उन्हें शिक्षा, रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्रदान कर उनके जीवन में वास्तविक परिवर्तन लाने की दिशा में निरंतर प्रयास किया जा रहा है।
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