2030 तक 20.7 लाख करोड़ डॉलर, फिर 2038 में ऐतिहासिक छलांग
ईवाई के विश्लेषण के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था 2030 तक PPP के आधार पर 20.7 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है। और अगर भारत और अमेरिका की क्रमशः 6.5% और 2.1% की औसत वार्षिक वृद्धि दर बनी रही, तो 2038 तक भारत की GDP 34.2 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को छू सकती है, जो अमेरिका से अधिक होगी। इसका अर्थ है कि भारत इस दशक के अंत तक बाजार विनिमय दरों पर जर्मनी को पछाड़ते हुए तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है, और अगली दशक के मध्य तक अमेरिका से भी आगे निकल सकता है।
आज की स्थिति: पहले से दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
ईवाई की रिपोर्ट यह भी बताती है कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की GDP PPP के आधार पर 14.2 ट्रिलियन डॉलर रही, जो मौजूदा बाजार विनिमय दर पर आंकी गई जीडीपी से करीब 3.6 गुना अधिक है। इसका मतलब है कि वास्तविक खर्च और क्रय क्षमता के हिसाब से भारत पहले से ही चीन और अमेरिका के बाद तीसरे स्थान पर है।
‘विकसित भारत 2047’ की ओर एक कदम और
रिपोर्ट यह भी दर्शाती है कि भारत अब सिर्फ एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था नहीं, बल्कि ‘विकसित भारत 2047’ की दिशा में तेजी से बढ़ता हुआ राष्ट्र है। जरूरी तकनीकों में आत्मनिर्भरता, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर में अग्रणी भूमिका और वैश्विक स्तर पर व्यापारिक साझेदारी, ये सभी मिलकर भारत को अगली आर्थिक महाशक्ति बनने की राह पर ले जा रहे हैं।
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