1. रूस की आरएस-28 सरमत
नाटो में इसे "शैतान II" कहा जाता है। इसकी रेंज 11,000 से 18,000 किलोमीटर तक है। यह मिसाइल एक साथ 10 या उससे अधिक परमाणु वारहेड ले जा सकती है। इसकी शक्ति द्वितीय विश्व युद्ध में हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए बमों से लगभग 2,000 गुना ज्यादा मानी जाती है। इसकी वजह से रूस की यह मिसाइल परमाणु संतुलन में एक अहम भूमिका निभाती है।
2. चीन की डीएफ-41
चीन की यह सबसे उन्नत रणनीतिक मिसाइल है, जिसकी रेंज 12,000 से 15,000 किलोमीटर तक पहुंचती है। डीएफ-41 कई स्वतंत्र रूप से लक्षित होने वाले वारहेड (MIRV) ले जा सकती है। इसकी गति लगभग 31,000 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंचती है, जिससे इसे रोक पाना बेहद मुश्किल होता है। यह मिसाइल चीन को वैश्विक स्तर पर मजबूत रणनीतिक बढ़त देती है।
3. अमेरिका की एलजीएम-30जी मिनटमैन III
अमेरिका की यह जमीनी आधारित मिसाइल 13000 किलोमीटर तक मार कर सकती है। इसे 1970 से 1975 के बीच तैनात किया गया था और यह अमेरिकी परमाणु त्रय का अहम हिस्सा है। अमेरिका ने इस मिसाइल की तैनाती कर रखी हैं। यह एक साथ कई वारहेड (MIRV) ले जा सकती है।
वैश्विक सुरक्षा के लिए चुनौती
ये तीनों मिसाइलें अपनी दूरी, गति और वारहेड क्षमता की वजह से वैश्विक सुरक्षा के लिए बड़े खतरे की घंटी हैं। इनके कारण परमाणु निवारण की रणनीतियाँ जटिल होती जा रही हैं। कोई भी असावधानी या गलतफहमी विश्व युद्ध जैसा विनाश ला सकती है।
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