8वें वेतन आयोग: 30, 50 और 80 हजार वालों की नई सैलरी?

नई दिल्ली। 8वें वेतन आयोग की चर्चा गरमाई है। इस बार चर्चा में फिटमेंट फैक्टर 1.92 का नाम उभरकर आया है। देखते हैं कि इस नए फिटमेंट फैक्टर का मतलब क्या है और यह 30,000, 50,000 या 80,000 रुपये बेसिक सैलरी पाने वाले कर्मचारियों के लिए कितना फायदेमंद रहेगा।

फिटमेंट फैक्टर 1.92: क्या है असल में?

फिटमेंट फैक्टर मूल रूप से आपकी मौजूदा बेसिक सैलरी को गुणा करने वाला वह नंबर होता है, जिससे आपकी नई बेसिक सैलरी तय होती है। 7वें वेतन आयोग में यह 2.57 था, जिसका मतलब था कि आपकी पुरानी बेसिक सैलरी को 2.57 से गुणा करके नई बेसिक निकाल दी जाती थी। 8वें वेतन आयोग में यह 1.92 की चर्चा हो रही है। पहली नजर में यह कम लग सकता है, लेकिन असल में यह आपको कितनी बढ़ोतरी देगा, इसे समझना ज़रूरी है।

केस स्टडी: बेसिक सैलरी पर असर

1. ₹30,000 बेसिक सैलरी वाले कर्मचारी के लिए:

अगर आपकी मौजूदा बेसिक सैलरी 30,000 रुपये है, तो 1.92 फिटमेंट फैक्टर के अनुसार आपकी नई बेसिक सैलरी बनेगी 30,000 × 1.92 = ₹57,600, इसका मतलब आपको 27,600 रुपये की बढ़ोतरी मिलेगी।

2. ₹50,000 बेसिक सैलरी वाले कर्मचारी के लिए:

50,000 रुपये की मौजूदा बेसिक सैलरी पर नई बेसिक होगी 50,000 × 1.92 = ₹96,000, यहाँ आपको सीधे 46,000 रुपये की बढ़ोतरी मिलती है।

3. ₹80,000 बेसिक सैलरी वाले वरिष्ठ कर्मचारी के लिए:

80,000 रुपये की बेसिक पर नई बेसिक होगी 80,000 × 1.92 = ₹1,53,600, जो 73,600 रुपये की बढ़ोतरी के बराबर है।

7वें और 8वें वेतन आयोग की तुलना

अगर देखा जाए तो फिटमेंट फैक्टर 1.92 कम लग सकता है, लेकिन असल में यह आपके लिए ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है। इसका कारण है "बेस इफेक्ट"। 7वें वेतन आयोग में आपकी बेसिक सैलरी पहले ही काफी बढ़ चुकी थी। इसलिए जब उस बढ़ी हुई बेसिक पर 1.92 का फैक्टर लगाया जाता है, तो रकम में होने वाली वृद्धि 6वें वेतन आयोग की कम बेसिक पर 2.57 फैक्टर लगाने से भी अधिक हो जाती है। 

सरल शब्दों में, 7वें वेतन आयोग की तुलना में 8वें आयोग की बढ़ोतरी कम नहीं बल्कि अधिक पैसों की हो सकती है, खासकर जिनकी सैलरी पहले से अधिक है। हालांकि, 8वें वेतन आयोग का अंतिम फैसला अभी जारी नहीं हुआ है, लेकिन जो गणनाएँ सामने आ रही हैं वे उत्साहवर्धक हैं। यह जरूरी है कि कर्मचारी केवल फिटमेंट फैक्टर के नंबर पर ध्यान न दें, बल्कि असली फायदा उनकी जेब पर कितना पड़ता है, इसे समझें।

0 comments:

Post a Comment