व्यापारिक सहयोग की नई संभावनाएं
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से एमएसएमई, खादी, हथकरघा और वस्त्र मंत्री राकेश सचान ने स्पष्ट किया कि यह ट्रेड शो सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि भारत-रूस मैत्री के आर्थिक आयामों को मजबूत करने वाला एक मंच है। उन्होंने कहा कि बदलते वैश्विक व्यापारिक परिदृश्य, विशेष रूप से अमेरिकी टैरिफ के परिप्रेक्ष्य में, भारत और रूस के लिए एक-दूसरे के बाजार में संभावनाएं तलाशने का यह एक उपयुक्त समय है।
इस संवाद में प्रमुख रूप से औद्योगिक उत्पाद, इंजीनियरिंग, ऊर्जा, एफएमसीजी, आईटी, डिजिटल समाधान, रसायन, सौंदर्य प्रसाधन, पैकेजिंग, चिकित्सा उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक्स, खाद्य प्रसंस्करण, कृषि, पर्यटन और थोक व्यापार से जुड़ी रूसी कंपनियों ने भाग लिया। इस अवसर पर 30 रूसी कंपनियों ने व्यापार और निवेश के अवसरों का पता लगाने के लिए रणनीतिक साझेदारी पर सहमति जताई।
120 समझौते, 187 बी2बी बैठकें और 5.6 मिलियन डॉलर का व्यापार
डायलॉग के बाद आयोजित बी-टू-बी बैठकें इस बात का प्रमाण थीं कि दोनों देश महज़ चर्चा नहीं, बल्कि ठोस आर्थिक परिणामों की दिशा में अग्रसर हैं। कुल 187 बी-टू-बी बैठकों के दौरान लगभग 120 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर हुए और करीब 5.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य का व्यापारिक समझौता संपन्न हुआ। यह आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि दोनों देशों के व्यापारिक समुदायों के बीच विश्वास और सहयोग की भावना मजबूत हो रही है।
दोनों देशों के बीच शिक्षा और कौशल विकास में भी सहयोग की संभावना
व्यापार के अलावा, शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में भी भारत और रूस के बीच संभावनाओं पर चर्चा हुई। यह क्षेत्र आने वाले समय में दोनों देशों के युवाओं के लिए नए अवसरों के द्वार खोल सकता है, साथ ही दीर्घकालिक संबंधों को भी मजबूत कर सकता है।
0 comments:
Post a Comment