आगरा-ग्वालियर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे
इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 88 किलोमीटर होगी और यह छह लेन का बनाया जाएगा। परियोजना पर करीब 4613 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। अक्टूबर के अंत से इसका निर्माण कार्य शुरू होने जा रहा है और इसे दो वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह रोहता (आगरा) से शुरू होकर धौलपुर, मुरैना से होते हुए सुसेरा (ग्वालियर) तक पहुंचेगा। इस एक्सप्रेसवे से आगरा से ग्वालियर की यात्रा जो पहले 2.5 घंटे तक लेती थी, अब सिर्फ 1 से 1.5 घंटे में पूरी की जा सकेगी।
औद्योगिक जोनों का विकास
एक्सप्रेसवे के किनारे चार औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे, जो उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में स्थित होंगे। इन जोनों को एक्सप्रेसवे की सर्विस रोड से जोड़ा जाएगा, जिससे उद्योगों को लॉजिस्टिक्स में सुविधा मिलेगी। यह पहल न केवल स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देगी, बल्कि आर्थिक गतिविधियों को भी बल देगी। इससे आस-पास के क्षेत्रों में शहरीकरण और आधारभूत ढांचे का भी विस्तार होगा।
चंबल नदी पर हैंगिंग ब्रिज
परियोजना का एक और प्रमुख आकर्षण है चंबल नदी पर बनने वाला 1600 मीटर लंबा हैंगिंग ब्रिज। यह पुल इंजीनियरिंग का एक आधुनिक उदाहरण होगा और दो राज्यों को सुरक्षित व सुविधाजनक तरीके से जोड़ेगा। इसका सर्वेक्षण कार्य फिलहाल प्रगति पर है।
अलीगढ़-आगरा एक्सप्रेसवे
इसके अतिरिक्त, अलीगढ़ से खंदौली (आगरा) तक 65 किमी लंबा एक और छह लेन एक्सप्रेसवे भी बनाया जाएगा। यह परियोजना 3200 करोड़ रुपये में तैयार होगी और इसे भी दो वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य है। इसके बन जाने से अलीगढ़ से आगरा की यात्रा का समय ढाई घंटे से घटकर मात्र डेढ़ घंटे रह जाएगा।
हरित विकास की ओर कदम
इन परियोजनाओं में पर्यावरण संरक्षण को भी नजरअंदाज नहीं किया गया है। करीब 1.24 लाख पौधे लगाए जाएंगे और उनकी देखभाल की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी।
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