राज्य के खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री राकेश सचान ने इस पहल की घोषणा करते हुए बताया कि इन ट्रेड शोज़ का मुख्य उद्देश्य स्थानीय उद्यमियों को एक साझा मंच देना है, जहां वे अपने उत्पादों का प्रदर्शन कर सकें और व्यापक स्तर पर बाजार तक अपनी पहुँच बना सकें। खास बात यह है कि उद्यमियों को इन ट्रेड शोज़ में निशुल्क स्टाल दिए जाएंगे, ताकि वे बिना किसी आर्थिक बोझ के अपनी व्यापारिक संभावनाओं को बढ़ा सकें।
अब मंडल नहीं, जिले होंगे केंद्र में
अब तक ट्रेड शोज़ केवल मंडल स्तर पर ही आयोजित किए जाते थे, लेकिन यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो की सफलता के बाद सरकार ने इसे जिला स्तर तक विस्तार देने का निर्णय लिया है। इससे न केवल स्थानीय स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि युवाओं और ग्रामीण उद्यमियों को भी अपने उत्पादों के लिए खरीदार और निवेशक खोजने में आसानी होगी।
खादी को मिलेगा नया जीवन
ट्रेड शो की यह पहल सिर्फ एमएसएमई सेक्टर तक सीमित नहीं है। इसमें खादी, टेक्सटाइल, ओडीओपी (One District One Product) जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के उद्यमी भी हिस्सा लेंगे। मंत्री सचान ने सेमिनार में यह भी स्पष्ट किया कि सरकार खादी के उत्पादन और शोरूम की घटती संख्या को लेकर गंभीर है और इसे पुनर्जीवित करने के लिए व्यापक स्तर पर रणनीति बनाई जा रही है।
युवाओं को जोड़ा जाएगा खादी से
राज्य सरकार खादी को केवल पारंपरिक परिधानों तक सीमित न रखकर फैशन और तकनीक से जोड़ने पर काम कर रही है। इसी दिशा में विचार किया जा रहा है कि विश्वविद्यालय परिसरों में खादी शोरूम खोले जाएं, जिससे युवा वर्ग भी खादी के प्रति आकर्षित हो सके और खादी को एक आधुनिक पहचान मिल सके।
प्रधानमंत्री की प्रेरणा से खादी को मिला राष्ट्रीय मंच
मंत्री ने यह भी कहा कि जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यभार संभाला है, तब से खादी को एक नई पहचान और ऊर्जा मिली है। प्रधानमंत्री स्वयं खादी पहनकर और उसके उपयोग को प्रोत्साहित कर इसे आम जनता तक पहुंचा रहे हैं। अब राज्य सरकार इसी सोच को ज़मीनी स्तर तक उतारने की तैयारी में है। सरकार ने सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे ट्रेड शो के लिए उपयुक्त स्थानों का चयन शीघ्र करें और आयोजन की तैयारियों को अंतिम रूप दें। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक जिले में आयोजन व्यवस्थित, भव्य और सभी उद्यमियों के लिए लाभकारी हो।
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