क्या होता है फिटमेंट फैक्टर?
सरल भाषा में कहें तो फिटमेंट फैक्टर वह गुणक है जिससे कर्मचारियों की बेसिक सैलरी को बढ़ाकर नए वेतनमान में बदला जाता है। 2016 में, सरकार ने 2.57 का फिटमेंट फैक्टर अपनाया था, जिससे 7,000 रुपये की न्यूनतम सैलरी बढ़कर सीधे 18,000 रुपये हो गई थी। अब चर्चा है कि 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.92 हो सकता है। अगर ऐसा होता है, तो केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में एक बार फिर तगड़ा उछाल तय है।
अब बात करते हैं आंकड़ों की - कितना बढ़ेगा वेतन?
₹30,000 बेसिक सैलरी वाले कर्मचारियों को कितना लाभ?
अगर आपकी मौजूदा बेसिक सैलरी ₹30,000 है और 1.92 का फिटमेंट फैक्टर लागू होता है, तो आपका नया वेतन होगा: ₹30,000 × 1.92 = ₹57,600, यानी सीधे-सीधे ₹27,600 रुपये की बढ़ोतरी!
₹50,000 बेसिक पाने वालों के लिए कितनी खुशी?
अगर आपकी बेसिक सैलरी ₹50,000 है, तो फिटमेंट फैक्टर से मिलेगा: ₹50,000 × 1.92 = ₹96,000, यह ₹46,000 रुपये की बढ़त है, जो महीने-दर-महीने आपकी जेब में फर्क लाएगा।
₹80,000 बेसिक वालों को कितना फायदा?
जिनकी बेसिक सैलरी ₹80,000 है, उनका नया वेतन हो सकता है: ₹80,000 × 1.92 = ₹1,53,600, यानी ₹73,600 का सीधा इजाफा! यह वेतनमान उच्च स्तर के अधिकारियों के लिए खास मायने रखेगा।
कब लागू हो सकता है 8वां वेतन आयोग?
हालांकि सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन आमतौर पर हर 10 साल में नया वेतन आयोग लागू होता है। पिछला यानी 7वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 से लागू हुआ था, तो संभावना है कि 8वां आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू किया जा सकता है यानी इसकी घोषणा 2025 के अंत तक संभव है।
0 comments:
Post a Comment