बता दें की इस पूजन को दुर्गा मां के प्रतीक के रूप में छोटी कन्याओं की आराधना माना जाता है, जो भक्तों को सुख, समृद्धि और संतान सौभाग्य का वरदान प्रदान करता है। इस वर्ष कन्या पूजन की तिथि को लेकर कुछ असमंजस रहा, लेकिन पंचांग के अनुसार यह 30 सितंबर (महाअष्टमी) या 1 अक्टूबर (महानवमी) को किया जा सकता है।
कन्या पूजन कब और कैसे करें?
शास्त्रों के अनुसार, कन्या पूजन महाअष्टमी या महानवमी तिथि पर किया जाता है। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 10 दिनों की होने के कारण तिथियों में थोड़ी भिन्नता है। महाअष्टमी तिथि 30 सितंबर 2025 को है, जबकि महानवमी 1 अक्टूबर को मनाई जाएगी। अधिकांश परिवार अष्टमी पर ही इस पूजन को संपन्न करते हैं, लेकिन कुछ परंपराओं में नवमी को प्राथमिकता दी जाती है।
शुभ मुहूर्त:
30 सितंबर 2025 (महाअष्टमी): अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:47 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक सबसे शुभ माना जा रहा है। इस दौरान पूजन करने से मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है। राहु काल (दोपहर 3:09 बजे से 4:39 बजे तक) से बचें।
1 अक्टूबर 2025 (महानवमी): प्रातःकालीन मुहूर्त सुबह 5:01 बजे से 6:13 बजे तक, तथा मध्याह्न मुहूर्त 10:41 बजे से दोपहर 12:11 बजे तक उपयुक्त रहेगा। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:47 बजे से 12:35 बजे तक। ये मुहूर्त सामान्य पंचांग पर आधारित हैं; स्थानीय ज्योतिषी से परामर्श लेना उचित रहेगा, क्योंकि स्थान के अनुसार थोड़ा अंतर हो सकता है।
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