चार साल में दोगुने हुए करोड़पति
एक ताज़ा अध्ययन में सामने आया है कि उत्तर प्रदेश में करोड़पति वर्ग की संख्या बीते चार सालों में दोगुनी हो चुकी है। अब यहां ऐसे लगभग 57,700 अमीर लोग हैं जिनके पास कम से कम 10 करोड़ रुपये या उससे अधिक की संपत्ति है। यह आंकड़ा यूपी को देश के छठे सबसे अमीर राज्यों की सूची में ला खड़ा करता है। खास बात यह है कि ये अमीर केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि छोटे शहरों और कस्बों से भी बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं।
लखनऊ बन रहा है धनकुबेरों का गढ़
राजधानी लखनऊ इस आर्थिक परिवर्तन की अगुवाई कर रहा है। यहां वर्तमान में करीब 2,900 करोड़पति रहते हैं, जिससे यह शहर देशभर में 14वें स्थान पर है। कानपुर, नोएडा, गाजियाबाद, अलीगढ़ और वाराणसी जैसे शहरों ने भी इस दौड़ में दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है।
उत्तर प्रदेश के छोटे शहरों का उदय
उल्लेखनीय बात यह है कि यूपी के पारंपरिक रूप से पिछड़े समझे जाने वाले जिलों जैसे बांदा, इटावा, सीतापुर, महाराजगंज और आजमगढ़ में भी करोड़पति परिवारों की संख्या में तेज़ इजाफा हुआ है। यह संकेत है कि आर्थिक विकास अब केवल महानगरों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह धीरे-धीरे प्रदेश के हर कोने तक पहुंच रहा है।
उत्तर प्रदेश अब देश के शीर्ष-6 आर्थिक राज्य
देश भर में करोड़पति वर्ग की सबसे अधिक संख्या उन्हीं राज्यों में देखी गई है जहां आर्थिक गतिविधियाँ तेज़ी से बढ़ रही हैं। इनमें महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, गुजरात और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। ये राज्य न केवल औद्योगिक विकास के केंद्र हैं, बल्कि निवेश, उद्यमिता और बुनियादी ढांचे के लिहाज से भी अग्रणी माने जाते हैं।
10 लाख करोड़ की छलांग: यूपी की जीएसडीपी में जबरदस्त वृद्धि
उत्तर प्रदेश की सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में भी उल्लेखनीय उछाल देखा गया है। चार साल पहले जहां जीएसडीपी करीब 16 लाख करोड़ रुपये थी, वहीं अब यह आंकड़ा 26 लाख करोड़ रुपये को पार कर चुका है। यह बढ़ोत्तरी यूपी को देश की आर्थिक महाशक्तियों कर्नाटक और महाराष्ट्र के समकक्ष खड़ा करती है।
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