यूपी में इन 'किसानों' के लिए बुरी खबर, हो सकती है कार्रवाई?

प्रयागराज। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) का उद्देश्य देश के असली और मेहनती किसानों को आर्थिक सहायता पहुंचाना है, ताकि वे अपने खेतों में बेहतर काम कर सकें और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो। लेकिन हाल ही में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में इस योजना में बड़ी अनियमितता सामने आई है, जिससे योजना की शुद्धता और प्रभावशीलता पर सवाल उठने लगे हैं।

कृषि विभाग द्वारा कराए गए सर्वे में लगभग 28 हजार ऐसे दंपतियों को चिन्हित किया गया है, जो योजना का लाभ अपात्र होने के बावजूद उठा रहे थे। जिले के गंगा और यमुना पार के लगभग 6.23 लाख किसानों को इस योजना का लाभ मिल रहा है, लेकिन नियम के मुताबिक यदि पति-पत्नी दोनों के नाम पर कृषि भूमि है और दोनों खेती करते हैं, तब भी केवल एक ही को इस योजना के तहत सहायता मिलनी चाहिए। फिर भी, सर्वे में यह पाया गया कि कई दंपति दोनों के नाम से किश्तें प्राप्त कर रहे थे, जो नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है।

कृषि उपनिदेशक पवन कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि विभाग ने अपात्र लाभार्थियों की सूची केंद्र सरकार को भेज दी है और उनके खिलाफ वसूली की कार्रवाई शुरू होगी। उनका कहना है कि योजना का उद्देश्य केवल उन किसानों को मदद देना है जो इसके लिए सच में पात्र हैं। इस कार्रवाई से यह स्पष्ट संदेश जाता है कि सरकार गैरजिम्मेदार व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करेगी और योजना का लाभ सही लोगों तक ही पहुंचाना चाहती है।

यह मामला केवल प्रयागराज तक सीमित नहीं है, बल्कि देशभर में ऐसी अनियमितताएं योजनाओं की सफलता में बाधा डालती हैं। इसलिए जरूरी है कि सरकारी योजनाओं की निगरानी कड़ाई से हो और उनकी प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ चलाई जाए। इससे योजना के तहत आर्थिक सहायता वास्तव में उन किसानों तक पहुंचेगी जो सच में इसके हकदार हैं।

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