स्पेस जंग की तैयारी? भारत समेत 4 देशों के पास ASAT हथियार

नई दिल्ली। अंतरिक्ष अब सिर्फ वैज्ञानिक खोज और संचार का क्षेत्र नहीं रह गया है, बल्कि यह सुरक्षा और सैन्य महत्व का भी केंद्र बन चुका है। दुनिया के कई देश इस दिशा में अपनी तैयारियों को तेज कर रहे हैं, और वर्तमान में भारत समेत केवल चार देश ही ऐसे हैं जिनके पास एंटी-सैटेलाइट (ASAT) हथियार मौजूद हैं। यह हथियार किसी भी दुश्मन के सैटेलाइट को निशाना बनाकर मार गिरा सकता हैं।

भारत का स्थान और महत्व

भारत ने मार्च 2019 में अपने ASAT क्षमताओं का प्रदर्शन करते हुए यह साबित कर दिया कि वह अंतरिक्ष सुरक्षा में अपनी मजबूती का परिचय दे सकता है। भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित ‘मिशन शक्ति’ के तहत, भारत ने एक लाइव सैटेलाइट को सफलतापूर्वक मार गिराया था, जो भारत को इस तकनीक के क्षेत्र में विश्व के शीर्ष देशों में शामिल करता है।

दुनिया के अन्य तीन देश

भारत के अलावा अमेरिका, रूस और चीन ही ऐसे देश हैं जिनके पास ASAT हथियार तकनीक है। ये देश अपनी अंतरिक्ष क्षमताओं का इस्तेमाल न केवल रक्षा के लिए करते हैं, बल्कि अपनी वैश्विक सैन्य प्रभावशाली स्थिति को बनाए रखने के लिए भी प्रयासरत हैं। अमेरिका और रूस लंबे समय से इस क्षेत्र में अग्रणी रहे हैं, जबकि चीन ने हाल के वर्षों में अपनी ASAT तकनीक को तीव्र गति से विकसित किया है।

स्पेस जंग की चुनौतियां और खतरे

एंटी-सैटेलाइट हथियारों का अस्तित्व अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती भी पेश करता है। यदि किसी संघर्ष में ये हथियार इस्तेमाल होते हैं, तो इससे अंतरिक्ष में सैटेलाइट के टुकड़े फैलेंगे, जो अन्य देशों के सैटेलाइट्स के लिए खतरा बन सकते हैं। इसे 'स्पेस डेब्री' कहा जाता है, जो संचार, नेविगेशन और मौसम विज्ञान सहित कई महत्वपूर्ण सेवाओं को प्रभावित कर सकता है।

0 comments:

Post a Comment