अमेरिका, रूस और चीन शीर्ष पर
संयुक्त राज्य अमेरिका अब भी विश्व की सबसे ताकतवर थल सेना बना हुआ है। अत्याधुनिक हथियार, उच्च तकनीकी क्षमताएं और सबसे बड़ा रक्षा बजट अमेरिका को इस सूची में शीर्ष स्थान दिलाते हैं। वहीं रूस, जो वर्षों से युद्धक क्षमताओं के लिए जाना जाता है, दूसरा स्थान बनाए हुए है। चीन तीसरे नंबर पर है, जो पिछले कुछ दशकों में अपनी सेना को नई तकनीक और बड़ी संख्या में सैनिकों से लैस कर रहा है।
भारत चौथे स्थान पर: शक्ति का प्रतीक
भारत की थल सेना को इस सूची में चौथा स्थान मिला है। यह स्थान सिर्फ संख्या या हथियारों के आधार पर नहीं, बल्कि भारत की सेना की तैयारी, तैनाती और जज्बे का भी प्रतीक है। भारत के पास दुनिया की एक सबसे बड़ी स्थायी थल सेना है जिसमें 14 लाख से अधिक सक्रिय सैनिक हैं।
वहीं, भारतीय सेना की सबसे बड़ी ताकत उसकी बहु-परिस्थितिकीय तैनाती क्षमता है—चाहे वह सियाचिन जैसी बर्फीली ऊंचाइयाँ हों, या राजस्थान का रेगिस्तान, सेना हर परिस्थिति में ऑपरेशन को अंजाम देने में सक्षम है। भारत ने हाल के वर्षों में सैन्य तकनीक में भी आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी तेजी दिखाई है।
टॉप 10 देशों की बाकी सेनाएं भी प्रभावशाली
भारत के बाद दक्षिण कोरिया, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, जापान, तुर्की, और इटली जैसे देश शीर्ष 10 में शामिल हैं। ये देश अपनी तकनीकी उन्नति, सामरिक रणनीतियों और आधुनिक युद्ध उपकरणों के बल पर इस सूची में हैं। वहीं पाकिस्तान टॉप दस ी सूचि से बाहर हैं।
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