1. हृदय रोग
ओमेगा-3 फैटी एसिड खून में ट्राइग्लिसराइड्स की मात्रा को कम करता है, जिससे धमनियों में ब्लॉकेज की संभावना घटती है। यह कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है और ब्लड प्रेशर को संतुलित बनाए रखने में मदद करता है। रिसर्च से यह भी स्पष्ट हुआ है कि अलसी के बीज हृदय की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाते हैं।
2. डायबिटीज
अलसी में मौजूद घुलनशील फाइबर पाचन प्रक्रिया को धीमा करता है, जिससे शरीर में शुगर का अवशोषण धीरे-धीरे होता है। यह ब्लड शुगर लेवल को स्थिर बनाए रखता है और टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभकारी सिद्ध होता है।
3. कैंसर से सुरक्षा
अलसी में उच्च मात्रा में लिगनेन नामक एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो हार्मोनल असंतुलन से जुड़े कैंसर, विशेष रूप से स्तन कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को कम करने में सहायक होता है। कई शोधों में यह भी देखा गया है कि अलसी कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में सक्षम होती है।
4. मस्तिष्क स्वास्थ्य और डिप्रेशन
ओमेगा-3 फैटी एसिड न सिर्फ दिल, बल्कि मस्तिष्क के लिए भी अमृत समान है। यह याददाश्त बढ़ाने, मानसिक तनाव कम करने और डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। बच्चों और बुजुर्गों में मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए अलसी विशेष रूप से लाभकारी मानी जाती है।
कैसे करें सेवन?
एक चम्मच अलसी के बीज सुबह खाली पेट चबाकर या पीसकर गर्म पानी के साथ लिया जा सकता है। आप इसे दलिया, स्मूदी, या आटे में मिलाकर भी खा सकते हैं। ध्यान दें: अलसी को हमेशा पीसकर खाना बेहतर होता है, क्योंकि साबुत बीज पचने में कठिन होते हैं।
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