बिहार में सरकारी शिक्षकों के लिए बड़ी खबर

पटना। बिहार सरकार ने राज्य के सरकारी स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब सभी सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती निर्धारित मानकों के अनुसार की जाएगी, ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई में किसी प्रकार की बाधा न आए और उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।

शिक्षकों की मानक आधारित तैनाती

शिक्षा विभाग की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार, प्राथमिक विद्यालयों में कम-से-कम तीन शिक्षक, जबकि मध्य विद्यालयों में आठ शिक्षक अनिवार्य रूप से होंगे। माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में प्रत्येक विषय के लिए कम-से-कम एक शिक्षक की तैनाती सुनिश्चित की जाएगी। यह कदम स्कूलों में शिक्षकों की कमी की पुरानी समस्या को दूर करने में मदद करेगा और छात्रों को विषय विशेषज्ञों से पढ़ाई का लाभ मिलेगा।

ज़िम्मेदारियां और निगरानी

स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती की पूरी जिम्मेदारी जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) की होगी। यह प्रक्रिया ई-शिक्षाकोष पोर्टल के माध्यम से की जाएगी, जिससे पारदर्शिता बनी रहेगी। इसके अलावा, स्कूलों में शिक्षकों की वास्तविक संख्या की जानकारी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से भी प्राप्त की जा सकेगी।

अर्धवार्षिक परीक्षा की तैयारी

शिक्षा विभाग ने यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि 11 से 20 सितंबर के बीच होने वाली अर्धवार्षिक परीक्षा से पहले सभी कक्षाओं का पाठ्यक्रम पूरा कर लिया जाए। इसके लिए SCERT (राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद) से पाठ्यक्रम का विवरण प्राप्त किया जाएगा और सभी क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी इसकी नियमित समीक्षा करेंगे।

बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता

शिक्षा विभाग सिर्फ शिक्षक नियुक्ति तक सीमित नहीं रहा, बल्कि स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए भी 15 दिनों का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। हर विद्यालय को पहले से उपलब्ध कराए गए 50,000 रुपये से निम्नलिखित कार्य किए जाएंगे: स्कूलों में विद्युतीकरण, बल्ब, ट्यूबलाइट और पंखों की स्थापना, शुद्ध पेयजल के लिए वाटर पोस्ट की मरम्मत, शौचालयों की मरम्मत और उनमें बहते पानी की व्यवस्था, बेंच-डेस्क की मरम्मत और रख-रखाव, आईसीटी व स्मार्ट क्लास के प्रयोग को बढ़ावा।

स्वतंत्रता दिवस पर समीक्षा और दस्तावेजीकरण

इस अभियान के तहत किए गए सुधारों की तस्वीरें 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ली जाएंगी और उन्हें ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। यह न केवल स्कूलों की स्थिति को दिखाने का एक माध्यम होगा, बल्कि जवाबदेही भी सुनिश्चित करेगा।

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