क्या है योजना का उद्देश्य?
इस योजना का प्रमुख उद्देश्य है कि आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग की बेटियों को शादी के समय वित्तीय सहायता प्रदान की जाए, ताकि समाज में समानता को बढ़ावा मिले और दहेज जैसी कुप्रथाओं से मुक्ति मिल सके। राज्य सरकार का मानना है कि जब परिवारों को आर्थिक सहायता मिलेगी, तो वे बेटियों की शादी में सम्मानपूर्वक भाग ले सकेंगे।
बढ़ती राशि, बढ़ता भरोसा
पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री नरेंद्र कश्यप ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार इस प्रस्ताव को जल्द लागू करने की तैयारी में है। इसके लिए 200 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान भी किया गया है। इससे हजारों जरूरतमंद परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में भी बड़ा बदलाव
इससे पहले मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में भी सरकार ने राशि को दोगुना किया था। अब इस योजना के तहत प्रत्येक जोड़े को 1 लाख रुपये की सहायता दी जा रही है, जिसमें: 60,000 रुपये सीधे लड़की के बैंक खाते में जमा किए जाते हैं। 25,000 रुपये शादी की जरूरी सामग्री जैसे कपड़े, बर्तन आदि के लिए होते हैं। 15,000 रुपये विवाह आयोजन पर खर्च किए जाते हैं। इसके साथ ही गद्दा, पंखा, तकिया और डबल बेड शीट जैसी दैनिक जरूरतों की वस्तुएं भी दी जाती हैं।
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