यूपी में दिव्यांगजनों के लिए एक बड़ी खुशखबरी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने दिव्यांगजनों के अधिकारों को सशक्त करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब राज्य में दिव्यांग अभ्यर्थियों को सरकारी सेवाओं में चार प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का सीधा लाभ मिलेगा। इसके तहत दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के 11 पद, कृषि विभाग के छह पद तथा राज्यपाल सचिवालय के एक पद को विशेष रूप से चिन्हित किया गया है।

सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति ने संबंधित विभागों में रिक्त पदों का पुनर्चिन्हांकन कर दिया है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि किन श्रेणियों के दिव्यांग इन पदों पर पात्र माने जाएंगे। इससे पहले इन पदों पर नियुक्तियों में केवल इस वजह से विलंब हो रहा था क्योंकि दिव्यांगता की श्रेणियों का स्पष्ट निर्धारण नहीं किया गया था।

पुनर्चिन्हांकित पदों का विवरण

दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग में जिन प्रमुख पदों को चिन्हित किया गया है, उनमें स्पीच थेरेपिस्ट, सहायक लाइब्रेरियन, कंप्यूटर प्रशिक्षक (स्पर्श, संकेत, अस्थिबाधित विद्यालयों के लिए), छात्रावास अधीक्षक, सांकेतिक भाषा इंटरप्रेटर, फिजियोथेरेपिस्ट, व्यायाम शिक्षक और छात्रावास वार्डन शामिल हैं।

कृषि विभाग में वरिष्ठ प्राविधिक सहायक के विभिन्न ग्रुप-ए और ग्रुप-बी पद (रसायन, शस्य, विकास, कृषि रक्षा व कंप्यूटर शाखाएं) चिन्हित किए गए हैं। वहीं राज्यपाल सचिवालय में समूह 'घ' के अनुसेवक पद को दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित किया गया है।

पात्र दिव्यांग श्रेणियां

सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, निम्नलिखित दिव्यांगता श्रेणियों के अभ्यर्थी इन पदों के लिए पात्र होंगे: दृष्टिहीनता व कम दृष्टि, बधिरता व श्रवण क्षमता में कमी, प्रमस्तिष्कीय अंगघात, उपचारित कुष्ठ, बौनापन, एसिड अटैक पीड़ित, मांसपेशीय दुर्बलता, बौद्धिक और मानसिक निशक्तता, विशिष्ट अधिगम अक्षमता।

आगे की प्रक्रिया

दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की ओर से संबंधित विभागों को निर्देश जारी किए जा चुके हैं कि इन चिन्हित पदों पर शीघ्र नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाए। इससे प्रदेश के हजारों दिव्यांग युवाओं को न सिर्फ रोजगार के अवसर मिलेंगे, बल्कि यह कदम उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने में भी अहम भूमिका निभाएगा।

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