यह सर्वे 4 से 10 जुलाई 2025 के बीच किया गया, जिसमें कुल 20 लोकतांत्रिक देशों के नेताओं की लोकप्रियता का आकलन किया गया था। इस अध्ययन में जनता से यह पूछा गया कि वे अपने देश के मौजूदा प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति के कामकाज से संतुष्ट हैं या नहीं।
दूसरे और तीसरे पायदान पर कौन?
मोदी के बाद दक्षिण कोरिया के नए राष्ट्रपति ली जे म्युंग 59% रेटिंग के साथ दूसरे स्थान पर रहे। दिलचस्प बात यह है कि उन्हें देश की सत्ता संभाले अभी एक महीना ही हुआ है और इतने कम समय में इतनी बड़ी वैश्विक पहचान मिलना उनके लिए एक उपलब्धि माना जा रहा है। तीसरे स्थान पर अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली हैं, जिनकी अप्रूवल रेटिंग 57% रही। माइली को उनके आर्थिक सुधारों और आक्रामक नेतृत्व शैली के लिए जाना जाता है।
ट्रंप खिसके आठवें स्थान पर
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और 2024 में दोबारा राष्ट्रपति बनने वाले डोनाल्ड ट्रंप को इस सर्वे में 8वां स्थान मिला है। उनकी अप्रूवल रेटिंग 45% से भी कम रही, जो बताता है कि वैश्विक नजरों में ट्रंप की स्वीकार्यता अभी भी सीमित है।
मोदी की रेटिंग क्यों है सबसे ऊपर?
मोदी की लगातार ऊंची लोकप्रियता के पीछे कई कारण हैं। भारत में स्थिर नेतृत्व, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मजबूती से भारत की बात रखना, टेक्नोलॉजी और इंफ्रास्ट्रक्चर में तेज़ सुधार, और एक मजबूत वैश्विक छवि ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है। इस सर्वे में भाग लेने वाले 75% लोगों ने मोदी को एक "लोकतांत्रिक वैश्विक नेता" के रूप में सराहा। वहीं, सिर्फ 18% प्रतिभागियों ने उनके खिलाफ राय दी और 7% ने कोई स्पष्ट मत नहीं दिया।
सबसे कम लोकप्रिय कौन?
जहां मोदी सूची में शीर्ष पर हैं, वहीं फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री पेट्र फिआला सबसे नीचे रहे। दोनों को सिर्फ 18% लोगों का समर्थन मिला, जबकि 74% से अधिक प्रतिभागियों ने उनके कामकाज पर असंतोष जताया। इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी 10वें स्थान पर हैं, जो बताता है कि यूरोप के कई नेताओं को जनता से उम्मीद के मुताबिक समर्थन नहीं मिल रहा।
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