क्या है स्मार्ट मीटर योजना?
इस योजना के तहत पारंपरिक बिजली मीटरों को हटाकर स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं जो उपभोक्ता की खपत को रियल टाइम में रिकॉर्ड करते हैं। इससे न केवल बिलिंग प्रक्रिया पारदर्शी होती है, बल्कि उपभोक्ता भी अपनी खपत को बेहतर ढंग से समझ और नियंत्रित कर सकते हैं। योजना को ज़मीन पर उतारने की जिम्मेदारी पोलारिस स्मार्ट मिटरिंग प्राइवेट लिमिटेड को दी गई है, जो प्रदेश के चार प्रमुख जोनों — सीतापुर, रायबरेली, अयोध्या और देवीपाटन — के 15 सर्कलों में काम कर रही है।
उपभोक्ताओं को मिल रहे लाभ
कोई मैन्युअल रीडिंग नहीं: अब मीटर रीडिंग के लिए किसी कर्मचारी के आने की आवश्यकता नहीं होगी।
सटीक और समय पर बिलिंग: खपत के आधार पर स्वतः जनरेटेड बिल उपभोक्ताओं को समय से मिलेगा।
ज्यादा बिल आने की आशंका खत्म: मीटर में दर्ज खपत के अनुसार ही बिल बनेगा, कोई मनमानी नहीं होगी।
झगड़े होंगे कम: किरायेदार और मकान मालिक के बीच बिल को लेकर होने वाले विवाद खत्म होंगे।
बिजली की खपत पर नजर: मोबाइल ऐप या पोर्टल के ज़रिए उपभोक्ता अपनी खपत को रियल टाइम में देख सकते हैं।
फॉल्ट की तत्काल सूचना: अगर मीटर या लाइन में कोई खराबी आती है तो वह तुरंत बिजली विभाग को अलर्ट कर देता है।
मुफ्त में हो रही है स्थापना, कोई शुल्क नहीं
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उत्तर प्रदेश में इन स्मार्ट मीटरों की स्थापना बिल्कुल मुफ्त की जा रही है। किसी उपभोक्ता से कोई चार्ज नहीं लिया जा रहा है। अगर कोई कर्मचारी या एजेंसी पैसा मांगता है तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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