क्या है शर्त?
किराएदारों को सबसे पहले अपने मकान मालिक के साथ लिखित किराया एग्रीमेंट करना होगा। यह एग्रीमेंट यह दर्शाएगा कि वे उस मकान में किराए पर रह रहे हैं। एग्रीमेंट की एक प्रति के आधार पर बिजली विभाग से नया घरेलू कनेक्शन लिया जा सकता है। इसके बाद किराएदार के नाम से एक अलग मीटर जारी किया जाएगा। इस व्यवस्था का लाभ यह होगा कि किराएदार को 125 यूनिट तक की मुफ्त बिजली अलग से मिलेगी, जो पहले केवल मकान मालिक के नाम पर जारी मीटर पर मिलती थी।
टैक्स में बदलाव की संभावना
हालांकि इस प्रक्रिया का एक व्यावसायिक पहलू भी सामने आ रहा है। जब मकान मालिक अपने किराएदार के लिए एग्रीमेंट करता है और किराएदार के नाम पर नया कनेक्शन लिया जाता है, तो नगर निगम को यह जानकारी मिल सकती है कि संपत्ति किराए पर दी गई है। इस स्थिति में होल्डिंग टैक्स को व्यावसायिक श्रेणी में बदला जा सकता है। वर्तमान में बहुत से मकान मालिक किराएदारों की जानकारी छिपाकर केवल घरेलू श्रेणी का टैक्स भरते हैं, जिससे टैक्स कम देना पड़ता है। लेकिन इस नई व्यवस्था से पारदर्शिता बढ़ेगी और किराएदारों को उनका हक मिलेगा।
किसे मिलेगा योजना का लाभ?
इस योजना का लाभ केवल घरेलू उपभोक्ताओं को दिया जाएगा, चाहे वे ग्रामीण हों या शहरी। यदि किसी परिसर में व्यावसायिक गतिविधियां संचालित होती हैं, तो उन पर यह योजना लागू नहीं होगी। बिजली कंपनियां इस योजना को लेकर जोर-शोर से प्रचार-प्रसार कर रही हैं। सार्वजनिक स्थलों पर विशेष कैंप लगाए जा रहे हैं, जहां उपभोक्ताओं को योजना की पूरी जानकारी दी जा रही है और उनके शंकाओं का समाधान किया जा रहा है।
0 comments:
Post a Comment