योजना की मुख्य बातें
राज्य के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री श्री दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा दिलाना है। फल, सब्ज़ी, फूल, मसाले, सगंध और औषधीय पौधों की खेती करने वाले किसानों को इस योजना का लाभ मिलेगा। सरकार ने एक रनिंग मीटर फेंसिंग की अनुमन्य लागत ₹300 निर्धारित की है, जिसमें से आधी राशि, यानी ₹150 प्रति मीटर, किसानों को अनुदान के रूप में दी जाएगी। प्रत्येक किसान अधिकतम 1000 मीटर तक फेंसिंग पर सब्सिडी प्राप्त कर सकता है।
वित्तीय लक्ष्य और लाभ
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सरकार ने 2.5 लाख मीटर फेंसिंग का लक्ष्य रखा है। यह कदम न केवल बागवानी फसलों को जंगली जानवरों और अन्य जोखिमों से सुरक्षित करेगा, बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति को भी सशक्त बनाने में सहायक होगा।
किस प्रकार की फेंसिंग
योजना के अंतर्गत मजबूत लोहे के पोल लगाए जाएंगे, जिनके बीच की दूरी 10 फुट रखी जाएगी। इन पोलों के बीच 4 क्षैतिज तारों से फेंसिंग की जाएगी, जिससे सुरक्षा मजबूत और टिकाऊ होगी। यह संरचना न केवल प्रभावी होगी, बल्कि वर्षों तक किसानों की फसलों को सुरक्षित रखने में कारगर साबित होगी।
आवेदन की प्रक्रिया
इस योजना का लाभ 'पहले आओ-पहले पाओ' के सिद्धांत पर मिलेगा, यानी जो किसान पहले आवेदन करेगा, उसे पहले सब्सिडी मिलेगी। इच्छुक किसान योजना के लिए dbt.uphorticulture.in पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं।
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