इस योजना के तहत पेंशन प्राप्त कर रहे पत्रकारों के निधन के बाद उनके आश्रित पति या पत्नी को भी जीवनपर्यंत पेंशन प्रदान की जाती है। पहले यह राशि 3 हजार रुपये प्रतिमाह थी, जिसे अब बढ़ाकर 10 हजार रुपये कर दिया गया है। यह कदम पत्रकारों के परिवारों की आर्थिक सुरक्षा को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस फैसले को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर साझा करते हुए लिखा कि लोकतंत्र में पत्रकारों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ हैं और समाज के विकास में उनका योगदान अमूल्य है। इसलिए, उनकी भलाई और सम्मान के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है ताकि वे निर्भय होकर निष्पक्ष पत्रकारिता कर सकें और सेवा निवृत्त होने के बाद भी सम्मानपूर्वक जीवन यापन कर सकें।
इस फैसले से पहले, मुख्यमंत्री ने दिव्यांग, बुजुर्ग और विधवा पेंशन राशि भी बढ़ाकर 1100 रुपये प्रति माह कर दी थी। पत्रकारों के लिए पेंशन राशि बढ़ाना इस सरकार की संवेदनशीलता और समाज के हर वर्ग के प्रति समर्पण को दर्शाता है। यह पेंशन वृद्धि न केवल पत्रकारों के लिए वित्तीय राहत लेकर आएगी, बल्कि उन्हें एक मजबूत सामाजिक सम्मान भी प्रदान करेगी। बिहार सरकार की यह पहल पत्रकारिता को प्रोत्साहित करने और पत्रकारों के अधिकारों की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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