बिहार में संविदाकर्मियों के लिए स्वास्थ्य बीमा शुरू

पटना। बिहार सरकार ने संविदा कर्मियों के हित में एक अहम कदम उठाया है। अब राज्य के चुनिंदा संविदा कर्मियों को समूह स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ मिलेगा, जिससे वे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के समय आर्थिक बोझ से काफी हद तक मुक्त हो सकेंगे। इस नई पहल से राज्य भर के 3560 संविदा कर्मचारियों को प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज उपलब्ध कराया जाएगा।

स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम

इस योजना के लिए बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी (BPSM) और एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के बीच तीन साल के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर हुआ है। इस त्रैवार्षिक समझौते के तहत बीमा की वार्षिक प्रीमियम राशि मिशन कार्यालय द्वारा वहन की जाएगी, जिससे संविदा कर्मचारियों पर कोई वित्तीय भार नहीं पड़ेगा।

बीमा योजना की विशेषताएं

इस समूह स्वास्थ्य बीमा योजना को खास बनाती हैं इसकी कुछ प्रमुख विशेषताएं:

5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज: किसी भी गंभीर बीमारी या आकस्मिक दुर्घटना की स्थिति में बीमित कर्मी को अस्पताल में भर्ती होने पर इलाज के लिए नकद भुगतान की आवश्यकता नहीं होगी।

पहले दिन से बीमा कवरेज: इस योजना में बीमा पॉलिसी शुरू होते ही स्वास्थ्य कवर प्रभावी हो जाता है, जो कि अन्य कई योजनाओं में देखने को नहीं मिलता।

पूर्ववर्ती बीमारियों पर कोई प्रतीक्षा अवधि नहीं: कर्मचारी किसी पुरानी बीमारी से ग्रसित हों, तो भी उन्हें इस योजना के तहत तत्काल इलाज की सुविधा मिलेगी।

देशभर में 17,500 से अधिक नेटवर्क अस्पताल: बीमित कर्मी भारत के किसी भी कोने में इन नेटवर्क अस्पतालों में कैशलेस इलाज का लाभ ले सकते हैं।

बिहार के 375 और पटना के 185 अस्पताल शामिल: स्थानीय स्तर पर भी बीमा सुविधा को सुलभ बनाने के लिए राज्य में बड़ी संख्या में अस्पतालों को योजना से जोड़ा गया है।

संविदा कर्मियों के लिए भरोसे की शुरुआत

संविदा पर काम करने वाले कर्मचारी अक्सर असुरक्षा की भावना और सीमित सुविधाओं के कारण चिंता में रहते हैं। बीमा कवर की यह पहल उनके लिए न केवल एक वित्तीय सुरक्षा का कवच बनेगी, बल्कि राज्य सरकार की संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता का प्रमाण भी देगी। स्वास्थ्य जैसी बुनियादी जरूरत को लेकर किया गया यह प्रयास सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में एक सकारात्मक कदम है।

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