रुद्र की गर्जना, भैरव का प्रहार: भारत के नए रूप से कांप उठेंगे चीन-पाक

नई दिल्ली। भारतीय सेना इन दिनों अपने युद्ध कौशल और रणनीतिक संरचना में बड़ा बदलाव कर रही है। इस परिवर्तन का सबसे ताज़ा और शक्तिशाली उदाहरण है — रुद्र ब्रिगेड और भैरव बटालियन का गठन। यह सिर्फ नाम नहीं, बल्कि आने वाले समय में भारत की सीमा सुरक्षा और आक्रामक क्षमता का नया प्रतीक बनने जा रहे हैं। इन दोनों सैन्य संरचनाओं ने पाकिस्तान और चीन जैसे दुश्मन देशों को पहले से ही अलर्ट पर ला दिया है।

क्या है 'रुद्र ब्रिगेड'?

‘रुद्र ब्रिगेड’ का नाम भगवान शिव के रौद्र रूप से लिया गया है — एक ऐसा स्वरूप जो संहार और न्याय का प्रतीक है। यह ब्रिगेड दरअसल भारतीय सेना की दो इंफ्रेंट्री ब्रिगेड को नए रूप में संगठित कर तैयार की गई है, जो अब बॉर्डर पर तैनात हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इनका वेलिडेशन यानी परीक्षण फिलहाल जारी है।

रुद्र ब्रिगेड का मूल उद्देश्य है — सभी युद्धक क्षमताओं को एकीकृत कर तेजी से कार्रवाई करने वाली इकाई तैयार करना। इसमें शामिल होंगे: इंफ्रेंट्री (पैदल सेना), मैकेनाइज्ड इंफ्रेंट्री (सशस्त्र वाहन सहित सेना), टैंक रेजिमेंट, आर्टिलरी यूनिट (तोपखाने), स्पेशल फोर्सेस और आधुनिक मानवरहित एरियल सिस्टम (ड्रोन और UAV), इन यूनिट्स को न केवल लड़ाकू समर्थन मिलेगा बल्कि खासतौर पर तैयार किया गया लॉजिस्टिक्स और कॉम्बैट सपोर्ट भी मिलेगा, जिससे यह ब्रिगेड बेहद गतिशील और प्रभावी होगी।

भैरव बटालियन: दुश्मनों के लिए खामोश मौत

‘रुद्र’ के साथ-साथ, भारतीय सेना ने ‘भैरव बटालियन’ का गठन भी किया है। यह एक लाइट कमांडो यूनिट है जिसे स्पेशल फोर्सेस की तरह प्रशिक्षित किया गया है — तेज़, घातक और चुपचाप ऑपरेशन को अंजाम देने वाली यूनिट।

भैरव बटालियन की क्षमताओं को आधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है, जैसे: ड्रोन प्लाटून, लॉइटरिंग म्यूनिशन (भटकते बम), आर्टिलरी के लिए ‘दिव्यास्त्र बैटरीज’, इनसे न केवल दुश्मन पर सटीक और दूर तक मार करने की क्षमता बढ़ेगी, बल्कि भारतीय सेना का खुफिया और तकनीकी वर्चस्व भी मजबूत होगा।

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