डिजिटल इंडिया के सपनों को साकार करने की पहल
इस पहल के पीछे मूल उद्देश्य शिक्षा प्रणाली को समय की मांग के अनुरूप आधुनिक बनाना है। जब विद्यार्थी तकनीक से घिरे समाज में जीवन जी रहे हैं, तो उनके मार्गदर्शकों – यानी शिक्षकों – का तकनीक में दक्ष होना अनिवार्य हो जाता है। इसी सोच के तहत प्रत्येक जिले से 10-10 श्रेष्ठ शिक्षकों का चयन किया जाएगा। कुल 750 शिक्षक इस विशेष प्रशिक्षण का हिस्सा बनेंगे।
कौन होंगे ये शिक्षक?
इन शिक्षकों का चयन मेरिट के आधार पर किया जाएगा। यानी वे शिक्षक जिनके पास पहले से तकनीकी विषयों की समझ है, उन्हें इस गहन प्रशिक्षण के लिए चुना जाएगा। प्रशिक्षण के बाद ये शिक्षक मास्टर ट्रेनर की भूमिका निभाएंगे और अपने जिले के अन्य शिक्षकों को AI, कोडिंग और डिजिटल लिट्रेसी में दक्ष बनाएंगे।
छात्रों को मिलेगा सीधा लाभ
सरकारी स्कूलों में कक्षा 6 से 8 के छात्रों के लिए AI और कोडिंग का पाठ्यक्रम पहले ही लागू किया जा चुका है। लेकिन जब तक शिक्षक इन विषयों को प्रभावी ढंग से नहीं पढ़ा पाएंगे, तब तक इसका पूरा लाभ छात्रों को नहीं मिल सकेगा। IIT कानपुर की मदद से प्रशिक्षित शिक्षक जब इन तकनीकी विषयों को सरल और रुचिकर तरीके से छात्रों को समझाएंगे, तब छात्रों की जिज्ञासा और सीखने की गति दोनों ही बढ़ेंगी।
प्रशासनिक नेतृत्व का भी होगा सशक्तिकरण
सिर्फ शिक्षक ही नहीं, बल्कि शिक्षकों को दिशा देने वाले प्रशासनिक अधिकारियों को भी नजरअंदाज नहीं किया गया है। राज्य के 70 डायट प्राचार्य और SCERT के 10 अधिकारी IIM अहमदाबाद में लीडरशिप ट्रेनिंग लेंगे। यह प्रशिक्षण उन्हें शिक्षा प्रबंधन, नेतृत्व कौशल और संस्थान संचालन के उन्नत तरीकों से परिचित कराएगा। इसके ज़रिए वे न सिर्फ अपनी संस्था को बेहतर तरीके से चला पाएंगे, बल्कि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को भी सशक्त बनाने में योगदान देंगे।
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