चीन से एक कदम आगे है भारत का 'एयर शील्ड'

नई दिल्ली:  भारत का एयर डिफेंस सिस्टम अब इतनी ताकत हासिल कर चुका है कि वह सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि चीन जैसे देशों की भी नींद उड़ा रहा है। अब सरकार ने अगली पीढ़ी के एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AWACS) को विकसित करने की योजना को भी मंजूरी दे दी है, जिससे भारत की हवाई सुरक्षा और अधिक मजबूत होने वाली है।

क्या होता है एयर डिफेंस सिस्टम?

एयर डिफेंस सिस्टम किसी देश की वायु सीमा की सुरक्षा की पहली और सबसे अहम परत होता है। यह सिस्टम रडार, सेंसर, इंटरसेप्टर मिसाइल, और कमांड सिस्टम की मदद से काम करता है। इसका मुख्य उद्देश्य होता है—दुश्मन के लड़ाकू विमान, ड्रोन, मिसाइल या अन्य हवाई खतरों की समय रहते पहचान करना और उन्हें टारगेट पर पहुंचने से पहले ही खत्म कर देना।

भारत के पास मौजूद प्रमुख एयर डिफेंस सिस्टम

1. S-400 ट्रायम्फ

रूस से खरीदा गया यह सिस्टम भारत की हवाई रक्षा में गेम चेंजर माना जाता है। यह एक साथ कई लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है और 400 किलोमीटर दूर तक मार कर सकता है। एक बार में 72 मिसाइलें दागने की क्षमता इसे दुनिया के सबसे खतरनाक एयर डिफेंस सिस्टम में शामिल करती है। इसकी सबसे बड़ी खूबी इसकी 'मोबिलिटी' है — इसे जल्दी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है, जिससे दुश्मन इसे ट्रैक नहीं कर पाता।

2. बराक-8

भारत और इज़राइल की साझेदारी से बना बराक-8, एक आधुनिक मल्टी-लेयर डिफेंस सिस्टम है। यह 360 डिग्री कवरेज प्रदान करता है और समुद्री व स्थलीय दोनों मोर्चों पर उपयोग किया जा सकता है। भारतीय नौसेना, वायुसेना और थल सेना—तीनों इसे अपने बेड़े में शामिल कर चुकी हैं।

3. आकाश मिसाइल सिस्टम

DRDO द्वारा विकसित यह भारत का पूरी तरह स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम है। यह मध्यम दूरी की मिसाइल प्रणाली है, जो 30 किलोमीटर तक के लक्ष्यों को निशाना बना सकती है। आकाश की सबसे बड़ी उपलब्धि इसकी ऊँचाई तक मार करने की क्षमता है — यह 18,000 मीटर की ऊँचाई तक उड़ रहे लक्ष्यों को मार गिरा सकता है।

4. स्पाइडर 

इज़राइली तकनीक पर आधारित स्पाइडर सिस्टम कम दूरी की हवाई सुरक्षा प्रदान करता है। इसकी खासियत है — इसकी रफ्तार और प्रतिक्रिया समय। यह बहुत कम समय में टारगेट को पहचान कर हमला कर सकता है। यह मोबाइल यूनिट के रूप में काम करता है, जिससे इसे युद्ध के मैदान में कहीं भी तैनात किया जा सकता है।

भारत बनाम चीन: कौन है आगे?

जहां चीन HQ-9, HQ-16, HQ-7 और FN-6 SAM सिस्टम पर निर्भर है, वहीं भारत की ताकत अब सिर्फ विदेशी सिस्टम्स पर नहीं बल्कि स्वदेशी तकनीक पर भी आधारित हो चुकी है। S-400 की तैनाती के साथ-साथ AWACS और आकाश जैसे होम-ग्रो तकनीकों की वजह से भारत की एयर डिफेंस चेन अधिक प्रतिक्रियाशील और लचीली बन गई है।

इसके अलावा भारत की रणनीति "मल्टी लेयर एयर डिफेंस" की ओर बढ़ रही है, जहां हर स्तर पर अलग-अलग सिस्टम मिलकर देश की वायुसीमा की सुरक्षा करते हैं—उच्च, मध्यम और निम्न ऊँचाई पर अलग-अलग सिस्टम काम कर रहे हैं।

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