भारत का दबदबा, चीन-पाकिस्तान को रौंदने की तैयारी!

नई दिल्ली। हाल के वर्षों में भारत ने अपनी सैन्य और सामरिक ताकत में जो विस्तार किया है, उसने क्षेत्रीय शक्तियों खासकर चीन और पाकिस्तान को गहरी चिंता में डाल दिया है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ब्रह्मोस मिसाइलों द्वारा पाकिस्तान के 11 एयरबेसों पर किए गए प्रहार ने पाकिस्तान की सैन्य क्षमताओं को गंभीर क्षति पहुंचाई और उसकी नींद उड़ा दी। पाकिस्तान अभी भी इन नुकसान से उबर नहीं पाया है, और उसकी अधिकांश एयरबेस अभी भी पूर्ण रूप से परिचालन योग्य नहीं हैं।

पाकिस्तान के अखबारों में बढ़ता भारतीय मिसाइलों का खौफ

पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन में भारत की मिसाइल क्षमताओं को लेकर बढ़ती चिंता स्पष्ट नजर आती है। हाल ही में डॉन ने भारतीय बंकर बस्टर बम को लेकर गहरी चिंता जताई थी और अब नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी के विजिटिंग फैकल्टी सदस्य डॉ. अकील अख्तर के हवाले से लिखा है कि भारत की समुद्री मिसाइल शक्ति पाकिस्तान के लिए एक बड़ा खतरा बन चुकी है। डॉ. अख्तर ने यह भी कहा कि भारत की आक्रामक नौसैनिक रणनीति हिंद महासागर, प्रशांत महासागर और अरब सागर में उसकी ताकत को असामान्य रूप से बढ़ा रही है, जो क्षेत्रीय रणनीतिक स्थिरता के लिए खतरा है।

INS अरिहंत और INS अरिघात: भारत की परमाणु त्रयी का आधार

भारत की परमाणु त्रयी में समुद्री घटक के रूप में INS अरिहंत और INS अरिघात पनडुब्बियां एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। ये पनडुब्बियां K-15 और K-4 जैसी बैलिस्टिक मिसाइलें ले जाने में सक्षम हैं, जिनकी मारक क्षमता 750 से 3500 किलोमीटर तक है। इसके साथ ही, भारत K-5 और K-6 जैसी लंबी दूरी की SLBM मिसाइलें विकसित कर रहा है, जिनकी मारक क्षमता क्रमशः 6000 और 8000 किलोमीटर तक होगी। ये क्षमताएं भारत को समुद्री क्षेत्र में असाधारण शक्ति प्रदान करती हैं, जिससे पाकिस्तान के साथ-साथ चीन भी सतर्क हो गया है।

परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन (SSBN) का रणनीतिक महत्व

डॉन के लेख में यह भी उल्लेख है की भारत का SSBN कार्यक्रम अब परिपक्वता के उच्च स्तर पर पहुंच चुका है। यह भारत की 'दूसरी हड़ताल' की क्षमता का मूल स्तंभ है, जिसका उद्देश्य किसी भी परमाणु हमले के बाद भी प्रभावी जवाब देना है। डॉन की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की ये क्षमताएं न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक शक्ति संतुलन को भी प्रभावित कर रही हैं। भारत के पास लगभग 400 परमाणु वारहेड्स रखने की क्षमता है, जिनमें से 100 से अधिक SSBN पर तैनात किए जा सकते हैं। इस कारण पाकिस्तान और चीन दोनों भारत की इस क्षमता से भयभीत हैं।

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