हाइपरसोनिक तकनीक क्या है?
हाइपरसोनिक तकनीक वह अत्याधुनिक तकनीक है, जिसमें वस्तुएं आवाज़ की गति से पाँच गुना तेज़ यानी लगभग 5 मैक (Mach) से भी अधिक रफ्तार से उड़ती हैं। यह तकनीक न केवल रक्षा क्षेत्र में गेम चेंजर साबित हो रही है, बल्कि भविष्य की जटिल लड़ाइयों के स्वरूप को भी पूरी तरह बदलने वाली है।
भारत की लंबी छलांग
हाल ही में भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने हाइपरसोनिक मिसाइल प्रणाली के विकास में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। इस तकनीक की उपलब्धि ने देश की रक्षा क्षमता को नई ऊँचाइयों पर पहुंचाया है। इस सफलता का असर पड़ोसी देश चीन पर स्पष्ट तौर पर दिख रहा है, जो इस क्षेत्र में भारत की तेजी से बढ़ती ताकत को लेकर चिंतित है।
चीन की चिंता क्यों बढ़ी?
चीन ने पिछले कुछ वर्षों में हाइपरसोनिक तकनीक के विकास में भारी निवेश किया है और खुद को इस क्षेत्र का अगुआ बताता रहा है। भारत की हाल की प्रगति ने चीन की इस बढ़त को चुनौती दी है। रणनीतिक दृष्टिकोण से, भारत की यह उपलब्धि न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक सुरक्षा समीकरण को प्रभावित कर रही है।
आगे का क्या है रास्ता
भारत ने अब तक अपनी हाइपरसोनिक परियोजनाओं को गुप्त रखा है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि देश जल्द ही इस तकनीक को वास्तविक हथियार प्रणाली में बदलने में सक्षम होगा। इससे भारत की सैन्य ताकत में अभूतपूर्व बढ़ोतरी होगी और वह वैश्विक तकनीकी प्रतिस्पर्धा में एक नई ऊंचाई पर पहुंचेगा। भारत ब्रह्मोस-2 समेत अन्य कई तरह के हाइपरसोनिक तकनीक पर काम कर रहा हैं।
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