1. त्रिफला चूर्ण – लिवर का प्राकृतिक डिटॉक्स
त्रिफला का मतलब है तीन फलों का मिश्रण – आंवला, हरड़ और बहेड़ा। ये तीनों ही घटक पाचन तंत्र को बेहतर बनाते हैं और लिवर को साफ करने का काम करते हैं।
कैसे लें: रोज रात सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें। इससे लिवर में जमा विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं और सूजन में राहत मिलती है।
2. भृंगराज का काढ़ा – लिवर के लिए आयुर्वेदिक टॉनिक
भृंगराज को आयुर्वेद में "केशराज" यानी बालों का राजा कहा जाता है, लेकिन इसका एक और कमाल का गुण है – लिवर को पुनर्जीवित करना।
कैसे लें: एक चम्मच भृंगराज पाउडर को एक कप पानी में उबालें। जब पानी आधा रह जाए तो छानकर इसे पी लें। यह काढ़ा लिवर की कोशिकाओं की मरम्मत करता है और लिवर फंक्शन को बेहतर बनाता है।
3. कुटकी – लिवर को करे रिफ्रेश
कुटकी एक कड़वी लेकिन बेहद प्रभावशाली जड़ी-बूटी है, जो लिवर की कार्यक्षमता को बेहतर बनाने के लिए जानी जाती है। यह लिवर को डिटॉक्स करने के साथ-साथ सूजन को कम करती है।
कैसे लें: आधा से एक चम्मच कुटकी चूर्ण को शहद या गुनगुने पानी के साथ दिन में एक बार लें।
4. पपीते के बीज – फैटी लिवर का समाधान
अगर आपके लिवर में फैट जमा हो रहा है, तो पपीते के बीज का सेवन आपकी मदद कर सकता है। इनमें ऐसे एंजाइम्स होते हैं जो लिवर को साफ करने और सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
कैसे लें: पपीते के बीजों को पीसकर रस निकालें और उसमें एक चम्मच शहद मिलाकर सेवन करें। यह उपाय सप्ताह में 3-4 बार करें।
5. नीम और तुलसी – संक्रमण से रक्षा कवच
नीम और तुलसी में मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट तत्व लिवर को वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण से बचाते हैं, साथ ही सूजन को भी कम करते हैं।
कैसे लें: 5-6 तुलसी की पत्तियां और 2-3 नीम की पत्तियों को पीसकर उनका रस निकालें और सुबह खाली पेट पीएं।
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