Arrow-4: क्यों है यह खास?
Arrow-4, इजरायल और अमेरिका की संयुक्त परियोजना है जिसकी शुरुआत 2021 में हुई थी। यह सिस्टम प्रसिद्ध Arrow-3 का उन्नत संस्करण है, लेकिन इसमें कई ऐसे सुधार और नई तकनीकों को शामिल किया गया है जो इसे आधुनिक युद्ध की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाते हैं।
सबसे प्रमुख बात यह है कि यह सिस्टम "शूट-लुक-शूट" सिद्धांत पर आधारित है। इसका मतलब है कि पहली फायरिंग के बाद सिस्टम दुश्मन मिसाइल की दिशा, गति और व्यवहार का मूल्यांकन करता है और यदि जरूरत पड़े तो दूसरी बार अधिक सटीकता से हमला करता है। इससे इंटरसेप्शन की सफलता दर काफी बढ़ जाती है।
तकनीकी मजबूती:
1 .नई वॉरहेड तकनीक: Arrow-4 में एक उन्नत वॉरहेड सिस्टम है जो दुश्मन की हाइपरसोनिक और एडवांस बैलिस्टिक मिसाइलों को हवा में ही नष्ट करने में सक्षम है।
2 .बेहतर सीकर सिस्टम: यह लक्ष्य को अधिक तेजी से पहचानने और ट्रैक करने में सक्षम है, जिससे प्रतिक्रिया समय कम होता है।
3 .मिड-कोर्स करेक्शन: यह फीचर मिसाइल को उड़ान के दौरान ही दुश्मन की चाल को भांपकर अपना रास्ता सुधारने की क्षमता देता है।
ईरान के मिसाइल हमलों का जवाब
हाल ही के संघर्ष में ईरान ने इजरायल के खिलाफ बड़ी संख्या में एडवांस बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। इजरायल ने करीब 85% मिसाइलों को इंटरसेप्ट किया, लेकिन लगभग 50 मिसाइलें अपने निशाने पर पहुंच गईं, जिससे जान-माल का नुकसान हुआ। Arrow-4 का उद्देश्य ऐसी स्थितियों में बचाव को और अधिक सशक्त बनाना है। इसकी तैनाती से इजरायल को मौजूदा Arrow-2 और Arrow-3 डिफेंस लेयर्स के ऊपर एक अतिरिक्त सुरक्षा कवच मिलेगा।
भविष्य की दिशा: Arrow-5 की तैयारी
Arrow-4 की तैनाती जल्द की जाएगी, वहीं इजरायल पहले से ही Arrow-5 पर काम कर रहा है। यह सिस्टम भविष्य में Arrow-3 की जगह लेगा और इससे सबसे आधुनिक बैलिस्टिक और हाइपरसोनिक खतरों का भी मुकाबला किया जा सकेगा।
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