भारत आज स्वदेशी मिसाइल तकनीक में आत्मनिर्भर है। चाहे वह जल से जल पर हमला करने वाली मिसाइलें हों, ज़मीन से हवा में मार करने वाली हों, या फिर पनडुब्बी से छोड़े जाने वाले घातक अस्त्र – हर मोर्चे पर भारत ने खुद को साबित किया है। आइए एक नजर डालते हैं भारत के प्रमुख मिसाइल कार्यक्रमों पर:
अग्नि मिसाइल श्रृंखला: भारत की परमाणु रीढ़
अग्नि-1: रेंज: ~700–1,200 किमी, यह सतह से सतह पर मार करने वाली मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है।
अग्नि-2: रेंज: ~2,000–3,000 किमी, यह परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम और अधिक सटीकता से लक्ष्य भेदने वाली मिसाइल है।
अग्नि-3: रेंज: ~3,500–5,000 किमी, लंबी दूरी तक मार करने वाली यह मिसाइल भारत की सामरिक क्षमता को एक नई ऊंचाई पर ले जाती है।
अग्नि-4: रेंज: ~4,000 किमी, इसमें उन्नत नेविगेशन और स्ट्राइक सिस्टम है, जो इसे और घातक बनाता है।
अग्नि-5: रेंज: ~5,000–8,000 किमी, इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM), जो चीन और यूरोप तक मार कर सकती है।
पृथ्वी मिसाइल श्रृंखला: भारत का पहला बैलिस्टिक प्रोग्राम
पृथ्वी-1: रेंज: ~150 किमी, यह सेना के लिए तैयार की गई है और पारंपरिक व परमाणु हथियार दोनों ले जा सकती है।
पृथ्वी-2: रेंज: ~250–350 किमी, भारतीय वायुसेना के उपयोग के लिए डिज़ाइन की गई।
के-सीरीज़ मिसाइलें: भारत की पनडुब्बी-से-छोड़ी जाने वाली ताकत
के-15 (सागरिका): रेंज: ~750 किमी, भारत की पहली SLBM (Submarine Launched Ballistic Missile), जिससे भारत की second strike capability मजबूत हुई।
के-4: रेंज: ~3,500 किमी, परमाणु पनडुब्बी INS Arihant से लॉन्च होने वाली मिसाइल, जो अदृश्य रहते हुए दुश्मन पर घातक प्रहार करने में सक्षम है।
के-5 और के-6 (विकासाधीन): रेंज: ~5,000+ किमी, यह भारत को एक पूर्ण परमाणु त्रिशक्ति (Nuclear Triad) देता है – ज़मीन, हवा और समुद्र से परमाणु प्रहार।
रणनीतिक और सामरिक मिसाइलें
शौर्य मिसाइल: एक हाई-स्पीड, सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल जो परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। इसकी रेंज ~750-2,000 किमी है।
नाग मिसाइल: तीसरी पीढ़ी की एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM)। यह "फायर एंड फॉरगेट" तकनीक पर आधारित है।
रुद्रम मिसाइल: भारत की पहली एंटी-रेडिएशन मिसाइल, जो दुश्मन के रडार और संचार केंद्रों को नष्ट करने में सक्षम है।
त्रिशूल मिसाइल: शॉर्ट-रेंज सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, जिसका उपयोग थलसेना और नौसेना दोनों कर सकती हैं।
आकाश मिसाइल सिस्टम: मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, जो भारत के वायु रक्षा कवच का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
ब्रह्मोस मिसाइल: भारत-रूस की साझेदारी की उड़ान
ब्रह्मोस दुनिया की सबसे तेज़ सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइलों में से एक है। इसकी रफ्तार 2.8–3.0 Mach (~3,700 किमी/घंटा) है। यह ज़मीन, समुद्र, हवा और अब पनडुब्बियों से भी लॉन्च की जा सकती है। ब्रह्मोस का निर्यात भी अब भारत के लिए एक रणनीतिक उपलब्धि बन चुका है।
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