1. अमेरिका: निर्विवाद सैन्य महाशक्ति
संयुक्त राज्य अमेरिका अब भी सैन्य शक्ति के शीर्ष पर कायम है। लगभग 900 अरब डॉलर के रक्षा बजट, सबसे बड़ी वायु सेना, अत्याधुनिक विमानवाहक पोतों और वैश्विक सैन्य ठिकानों के साथ इसकी शक्ति का दायरा समूचे ग्रह तक फैला है। इसके पास आधुनिकतम तकनीक जैसे स्टील्थ फाइटर, हाइपरसोनिक हथियार और स्पेस फोर्स जैसी विशेष इकाइयाँ हैं, जो इसे युद्धक्षेत्र में अद्वितीय बनाती हैं।
2. रूस: परमाणु वर्चस्व और भारी हथियारों का गढ़
रूस की सैन्य पहचान उसकी परमाणु क्षमता और पारंपरिक भारी सैन्य उपकरणों से जुड़ी है। टैंकों का विशाल बेड़ा, एडवांस फाइटर जेट्स और साइबर युद्ध क्षमताएँ इसे एक खतरनाक सैन्य शक्ति बनाती हैं। रूस की सैन्य रणनीति में तेजी से आधुनिकीकरण और वैश्विक प्रभाव कायम रखना मुख्य उद्देश्य है।
3. चीन: उभरती वैश्विक सैन्य महाशक्ति
चीन ने बीते एक दशक में अपनी सेना को तेजी से आधुनिक बनाया है। एआई, हाइपरसोनिक हथियार, साइबर क्षमताएँ और एक विशाल नौसेना इसे अमेरिका के सबसे करीबी प्रतिस्पर्धी के रूप में स्थापित करते हैं। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में इसकी आक्रामक रणनीतियाँ इसके भू-राजनीतिक इरादों को स्पष्ट करती हैं।
4. भारत: मजबूती की ओर बढ़ती रक्षा शक्ति
भारत 2025 तक दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सैन्य शक्ति के रूप में उभरा है। लगभग 75 अरब डॉलर के रक्षा बजट के साथ यह अपनी पारंपरिक और आधुनिक क्षमताओं में संतुलन बनाए हुए है। 14 लाख से अधिक सक्रिय सैनिकों की विशाल सेना, परमाणु त्रयी (जमीन, वायु और समुद्र से परमाणु हमला करने की क्षमता), और "मेक इन इंडिया" के तहत आत्मनिर्भर रक्षा निर्माण इसकी ताकत के प्रमुख आधार हैं।
5. दक्षिण कोरिया: उच्च तकनीक और तात्कालिक प्रतिक्रिया क्षमता
उत्तर कोरियाई खतरे के कारण दक्षिण कोरिया ने तकनीकी रूप से अत्यधिक परिष्कृत सेना विकसित की है। ड्रोन, मिसाइल शील्ड और अमेरिका के साथ गठजोड़ इसे विश्वसनीय और खतरनाक बनाते हैं।
6. यूनाइटेड किंगडम: वैश्विक प्रभाव और तकनीकी पराक्रम
ब्रिटेन अब भी एक वैश्विक शक्ति बना हुआ है, खासकर अपनी परमाणु पनडुब्बियों, विमानवाहक पोतों और साइबर युद्ध क्षमताओं के कारण। रॉयल एयर फ़ोर्स और आधुनिक नौसेना उसे विश्व मंच पर सक्रिय भूमिका निभाने में सक्षम बनाती है।
7. फ्रांस: यूरोप की अग्रणी रक्षा शक्ति
फ्रांस यूरोप की सबसे संतुलित और परिष्कृत सैन्य शक्तियों में से एक है। यह न केवल परमाणु हथियार रखता है, बल्कि अफ्रीका और मध्य-पूर्व में भी इसका प्रभाव है। राफेल जेट और डिजिटल युद्धक्षमता इसकी विशिष्ट पहचान हैं।
8. जापान: रक्षा में नवाचार की मिसाल
हालांकि जापान का संविधान उसे आक्रामक युद्ध से रोकता है, लेकिन उसकी आत्मरक्षा सेनाएँ तकनीक और रणनीति के मामले में अत्यंत उन्नत हैं। चीन और उत्तर कोरिया की धमकियों के चलते उसने अपने रक्षा बजट में वृद्धि की है।
9. तुर्की: क्षेत्रीय ताकत से वैश्विक मंच की ओर
तुर्की ने स्वदेशी रक्षा उत्पादन पर ध्यान देते हुए अपनी ताकत में इज़ाफ़ा किया है। बायरकटार ड्रोन और घरेलू टैंक परियोजनाएँ उसकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम हैं।
10. इटली: नाटो में सक्रिय और रणनीतिक सहयोगी
इटली की सेना आधुनिक और बहुआयामी है। वह न केवल यूरोपीय सुरक्षा मिशनों में भाग लेता है, बल्कि उसकी नौसेना और वायुसेना भी क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती हैं।
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