हवा में मचेगा तहलका, वायुसेना को मिलेंगे 97 धांसू फाइटर जेट्स

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना की हवाई ताकत को नया बल मिलने जा रहा है। देश की रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करते हुए वायुसेना को अब 97 नए तेजस Mk1A लड़ाकू विमान मिलने वाले हैं। ये विमान स्वदेशी तकनीक का बेहतरीन नमूना हैं और ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की रक्षा क्षेत्र में सफलता का प्रतीक बनते जा रहे हैं।

एक रिपोर्ट के मुताबिक तेजस Mk1A पहले से ही भारतीय वायुसेना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। अब 97 और विमानों के शामिल होने से न केवल देश की हवाई सुरक्षा को मजबूती मिलेगी, बल्कि स्वदेशी रक्षा निर्माण को भी नई दिशा मिलेगी।

2026 से शुरू होगी इंजन डिलीवरी

IDRW के अनुसार, अमेरिका की जनरल इलेक्ट्रिक (GE) कंपनी 2026 से हर महीने 24 F-404 इंजन की आपूर्ति शुरू करेगी। ये इंजन तेजस Mk1A विमानों की रीढ़ माने जाते हैं। इससे पहले 2021 में हुए सौदे के तहत 83 तेजस विमानों के लिए HAL ने 99 F-404 इंजन का ऑर्डर दिया था। अब नए 97 विमानों के साथ HAL को लगभग 130 और इंजनों की आवश्यकता होगी।

MRO सुविधा भारत में, रखरखाव अब देश के भीतर

एक और अहम पहलू यह है कि GE और भारतीय वायुसेना एक स्थानीय MRO (Maintenance, Repair, and Overhaul) सुविधा स्थापित करने की दिशा में बातचीत कर रहे हैं। इससे इंजन के रखरखाव और समय पर मरम्मत का काम देश में ही संभव होगा। यह कदम भारत की रक्षा तैयारियों में आत्मनिर्भरता की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

रोजगार के नए द्वार और तकनीकी आत्मनिर्भरता

स्थानीय MRO सेवाओं के चलते भारत में न केवल तकनीकी दक्षता विकसित होगी, बल्कि इंजीनियरिंग और रक्षा तकनीक से जुड़े हजारों युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। साथ ही यह कदम विदेशी कंपनियों पर निर्भरता को घटाकर रणनीतिक स्वायत्तता को और मजबूत करेगा।

हवाई ताकत को मिलेगा नया आयाम

फिलहाल भारतीय वायुसेना के पास राफेल, सुखोई, मिग और तेजस जैसे उन्नत लड़ाकू विमानों का मजबूत बेड़ा है। लेकिन बदलते समय में सुरक्षा चुनौतियों के मद्देनज़र अधिक संख्या में स्वदेशी और अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों की ज़रूरत महसूस की जा रही थी। 97 नए तेजस Mk1A विमानों का यह सौदा इसी दिशा में एक बड़ा कदम है।

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