तेजस की ताकत बढ़ी: अमेरिका से मिला जेट इंजन

नई दिल्ली। भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रम को उस वक्त बड़ी सफलता मिली जब अमेरिका ने अत्याधुनिक जेट इंजन की आपूर्ति शुरू कर दी। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा बनाए जा रहे तेजस मार्क-1ए लड़ाकू विमानों को अमेरिकी GE-404 इंजन मिलने लगे हैं। सोमवार को भारत को इस श्रेणी का दूसरा इंजन प्राप्त हुआ है, जिससे यह संकेत मिला है कि अब तेजस की डिलीवरी में तेजी आ सकती है।

HAL को इस साल मिलेंगे 12 इंजन

GE-404 इंजन की यह खेप, तेजस के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है। HAL को मौजूदा वित्तीय वर्ष के अंत तक कुल 12 इंजन मिलने हैं। ये सभी इंजन तेजस मार्क-1ए में लगाए जाएंगे, जिससे इन विमानों का निर्माण कार्य गति पकड़ेगा। अब तक इंजन की आपूर्ति में हो रही देरी के चलते तेजस विमानों की डिलीवरी प्रभावित हो रही थी।

83 तेजस मार्क-1ए की जरूरत

भारतीय वायुसेना पहले ही 83 एलसीए तेजस मार्क-1ए लड़ाकू विमानों का ऑर्डर HAL को दे चुकी है। स्क्वाड्रन की गिरती संख्या को देखते हुए यह ऑर्डर भारतीय वायुसेना की जरूरत बन चुका है। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह भी इस आपूर्ति में हो रही देरी पर चिंता जता चुके हैं।

तेजस: आत्मनिर्भर की उड़ान

तेजस न केवल भारत की सुरक्षा रणनीति का अहम हिस्सा है, बल्कि 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान की भी प्रमुख उपलब्धि है। ये हल्के लड़ाकू विमान पूरी तरह से देश में बनाए जा रहे हैं और अब सरकार की योजना है कि इनकी संख्या को 220 तक ले जाया जाए। यह विमान पुराने पड़ चुके मिग-21, मिग-29 और मिराज फाइटर्स की जगह लेंगे।

HAL ने मानी देरी की वजह

HAL ने स्पष्ट किया है कि विमानों की डिलीवरी में हो रही देरी का मुख्य कारण इंजन की अनुपलब्धता थी। अब जबकि अमेरिका से GE-404 इंजन की नियमित आपूर्ति शुरू हो गई है, HAL को उम्मीद है कि आने वाले महीनों में भारतीय वायुसेना को पहले बैच के लड़ाकू विमान सौंपे जा सकेंगे।

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