बिहार में स्वरोजगार को बढ़ावा: प्रत्येक लाभुक को ₹50-50 हजार

पटना। बिहार सरकार द्वारा शुरू की गई लघु उद्यमी योजना राज्य के युवाओं और महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक उल्लेखनीय पहल है। इस योजना के अंतर्गत योग्य लाभुकों को स्वरोजगार हेतु वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है, जिससे वे अपने व्यवसाय की शुरुआत कर सकें और आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा सकें।

योजना की विशेषताएं

बिहार लघु उद्यमी योजना उन परिवारों के लिए है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और जिन्हें सामाजिक और आर्थिक मुख्यधारा में लाना राज्य सरकार का उद्देश्य है। योजना के अंतर्गत चयनित लाभुकों को ₹2 लाख की कुल अनुदान राशि तीन किस्तों में दी जाती है।

वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए इस योजना की पहली किस्त के रूप में ₹100.53 करोड़ की राशि 20,106 लाभुकों के बीच वितरित की गई है। प्रत्येक लाभुक को ₹50,000 की पहली किश्त दी गई है। इस कार्यक्रम में 7039 महिलाएं भी लाभान्वित हुई हैं, जो इस बात का संकेत है कि सरकार महिलाओं की आर्थिक भागीदारी को भी प्राथमिकता दे रही है। साथ ही, लाभुकों को चयनित 61 परियोजनाओं में से किसी एक के अंतर्गत स्वरोजगार आरंभ करने का विकल्प दिया गया है।

आवेदन और चयन प्रक्रिया

वित्तीय वर्ष 2024-25 में उद्यमी पोर्टल के माध्यम से 2,32,900 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से 59,901 आवेदकों का चयन कंप्यूटरीकृत रैंडमाइजेशन प्रणाली द्वारा किया गया, जिसमें पिछले वर्ष की रिक्तियों को भी समाहित किया गया है। इसके अतिरिक्त, 11,980 आवेदकों को प्रतीक्षा सूची में रखा गया है।

लाभुकों के लिए केवल वित्तीय सहायता ही नहीं, बल्कि उन्हें व्यावसायिक दक्षता और जानकारी भी प्रदान की जा रही है। उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के माध्यम से 3 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, ताकि लाभुक अपने व्यवसाय को व्यवहारिक दृष्टि से संचालित कर सकें।

सरकार का दृष्टिकोण

उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने कार्यक्रम के दौरान स्पष्ट रूप से कहा कि यह योजना सिर्फ आर्थिक सहायता प्रदान करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका मुख्य उद्देश्य है युवाओं और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें रोजगार प्रदाता के रूप में विकसित करना।

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